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सारण: शराबबंदी की जिम्मेदारी जिन पर, वही वर्दीधारी शराब पार्टी करते पकड़े गए – सब इंस्पेक्टर समेत 5 गिरफ्तार, भेजे गए जेल

ByKumar Aditya

मई 31, 2025
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छपरा (सारण)। शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी जिन पुलिसकर्मियों पर है, वही जब शराब पार्टी करते पकड़े जाएं, तो कानून और व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। भगवानबाजार थाना क्षेत्र में नाका प्रभारी सब इंस्पेक्टर श्याम बिहारी पांडेय सहित पांच लोग शराब पार्टी करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। सीनियर एसपी डॉ. कुमार आशीष की अगुवाई में गुरुवार देर रात की गई छापेमारी में यह खुलासा हुआ।

गुप्त सूचना पर हुई छापेमारी

सीनियर एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि भगवान बाजार थाना क्षेत्र के नाका नंबर-1 (गंडक कॉलोनी) में शराब पार्टी चल रही है। टीम ने जब छापा मारा तो मौके से सब इंस्पेक्टर सहित पांच लोग शराब की बोतल, स्टील की थाली, सिगरेट, कोल्ड ड्रिंक के साथ पकड़े गए। एक व्यक्ति मौके से फरार हो गया।

गिरफ्तार आरोपितों के नाम:

  • श्याम बिहारी पांडेय – नाका प्रभारी (सब इंस्पेक्टर)
  • विराट राज आनंद – दहियावां ब्रह्म टोली
  • आशीष कुमार मिश्रा – रौजा नगर
  • बहादुर राय – नई बाजार, भगवान बाजार थाना क्षेत्र
  • पवन कुमार नंदन – घेघटा, मुफस्सिल थाना क्षेत्र
  • अनिल कुमार – नई बाजार मोहल्ला

ब्रेथ एनालाइजर से हुई पुष्टि, सबको भेजा गया जेल

सभी आरोपितों की सदर अस्पताल में ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गई, जिसमें शराब पीने की पुष्टि हुई। शुक्रवार को सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया

एसआई निलंबित, विभागीय कार्रवाई होगी

एसएसपी ने बताया कि सब इंस्पेक्टर श्याम बिहारी पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी जल्द शुरू की जाएगी। भगवान बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

टीम में शामिल अधिकारी:

छापेमारी में एडिशनल एसपी राज किशोर सिंह, थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर सुभाष कुमार सिंह, एसआई सुधीर कुमार, एसआई महताब खान, एएसआई चंद्र प्रकाश शामिल थे।


सारण में थानों में शराब पार्टी की यह दूसरी घटना

यह सारण जिले में दूसरी घटना है जब थाने या पुलिस अधीनस्थ स्थान पर शराब पार्टी का खुलासा हुआ है। इससे पहले मशरक उत्पाद थाना में भी इसी तरह पुलिसकर्मी शराब पीते पकड़े गए थे।


शराबबंदी कानून की पोल खुली

इन घटनाओं से साफ है कि राज्य में शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन में गंभीर खामियां हैं और इसके जिम्मेदार अधिकारी ही नियम तोड़ते नजर आ रहे हैं। सवाल यह है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो कानून का क्या होगा?


 

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