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बांका | 15 जून 2025 – केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) [HAM (S)] ने रविवार को बिहार के बांका में अपनी राष्ट्रीय परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीतिक चर्चा के साथ-साथ पार्टी के शीर्ष पदों पर पुनर्नियुक्ति की घोषणा की गई।

बैठक में मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। उनके अलावा राजेश कुमार पांडेय को राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और कामता ऋषिशन को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

तीनों पदों पर निर्विरोध चुनाव, कोई दूसरा उम्मीदवार मैदान में नहीं

प्रोफेसर डी.एन. सिन्हा (पटना विश्वविद्यालय), जो इस चुनाव में पार्टी के चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त थे, ने बताया कि 14 जून को तीन नामांकन दाखिल किए गए थे, लेकिन किसी भी पद पर कोई प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ा। इस कारण सभी प्रमुख पद निर्विरोध भर दिए गए।

बैठक में लिए गए दो अहम प्रस्ताव

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए:

  • पार्टी के संरक्षक (जीतन राम मांझी) और राष्ट्रीय अध्यक्ष (संतोष सुमन) को गठबंधन और सीट बंटवारे संबंधी निर्णय लेने के लिए अधिकृत करना।
  • उन्हें आवश्यकतानुसार संगठनात्मक विस्तार का भी अधिकार देना।

“सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का सौभाग्य मिला” – डॉ. संतोष सुमन

नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व Twitter) पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा:

“आज बांका में हम (से०) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस अवसर पर मुझे पुनः सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह बैठक हमारी संगठनात्मक शक्ति और जनसेवा के संकल्प को और मजबूत करने वाली रही।”

उन्होंने आगे कहा:

“हमारे संरक्षक और केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी की गरिमामयी उपस्थिति ने बैठक को और भी प्रेरणादायक बना दिया। मैं सभी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और साथियों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। आप सभी के सहयोग से ही हम मिलकर नया बिहार गढ़ेंगे।”

HAM पार्टी के संगठन में नई ऊर्जा का संचार

पार्टी के पुनर्गठन और आगामी चुनावी तैयारियों के मद्देनजर आयोजित इस बैठक को राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेष रूप से संतोष सुमन के दोबारा अध्यक्ष बनने से यह संकेत गया है कि पार्टी अपने पारंपरिक नेतृत्व और अनुभव के साथ आगे बढ़ने को प्रतिबद्ध है।