भागलपुर | 2 अगस्त 2025 | बिहार सरकार ने शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हजारों संविदाकर्मी और सहायक स्टाफ को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्यभर के रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की। लंबे समय से वेतनवृद्धि की मांग कर रहे इन कर्मचारियों के लिए यह निर्णय एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री के इस फैसले का शिक्षण समुदाय और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश सचिव विजय यादव ने मुख्यमंत्री के इस फैसले को “ऐतिहासिक” करार देते हुए कहा,
“यह निर्णय वर्षों से उपेक्षित कर्मियों के सम्मान और अधिकार की दिशा में एक बड़ी पहल है। रसोइया, प्रहरियों और शारीरिक शिक्षकों की मेहनत का सम्मान होना ही चाहिए था।”
वहीं हम पार्टी के युवा जिला अध्यक्ष सनोज यादव ने कहा,
“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम निश्चित रूप से शिक्षा व्यवस्था में संलग्न इन कर्मचारियों के जीवन स्तर को ऊंचा करेगा। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा और काम में समर्पण भी बढ़ेगा।”
वेतन वृद्धि के प्रभाव:
राज्यभर में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत कार्यरत रसोइया, स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले रात्रि प्रहरी और छात्र-छात्राओं के लिए खेल शिक्षा देने वाले शारीरिक शिक्षक लंबे समय से वेतन संशोधन की मांग कर रहे थे। ऐसे में यह निर्णय न केवल आर्थिक राहत देगा, बल्कि सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता को भी बेहतर बनाएगा।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस वेतन वृद्धि का विस्तृत आदेश जल्द ही संबंधित विभागों को भेजा जाएगा, और लागू तिथि के बारे में स्पष्ट जानकारी जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ऐलान शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े स्टाफ वर्ग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। राज्य सरकार के इस फैसले से निचले स्तर के सरकारी कर्मियों के बीच भरोसा और कार्य के प्रति समर्पण और बढ़ेगा।


