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बिहार के बांका में रामनवमी से पहले एक साध्वी ने विवादित बयान दिया है। इसके बाद न सिर्फ धार्मिक बल्कि राजनीतिक माहौल भी काफी गर्म नजर आ रहा है। यहां साध्वी ने चैत्री दुर्गा पूजा के दौरान ढाकामोड़ में बनाए गए हरे रंग के पंडाल को लेकर साध्वी सरस्वती ने कटाक्ष किया और उसे ‘मजार’ कह दिया। उन्होंने बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि यह आयोजन एक विशेष राजनीतिक दल का कार्यक्रम बन चुका है।

रामकथा के दौरान साध्वी सरस्वती ने कहा कि किसी भी हिंदू धार्मिक आयोजन में भगवा, लाल और पीले रंग का महत्व होता है, लेकिन इस आयोजन में हर जगह हरे रंग का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने इसे हिंदू परंपरा के खिलाफ बताया और कहा कि यह आयोजन किसी धार्मिक अनुष्ठान से अधिक एक राजनीतिक मंच बन गया है।

इसके बाद अब इसको लेकर मंत्री संजय यादव ने पलटवार करते हुए साध्वी सरस्वती को ‘डुप्लिकेट’ बताया है। उन्होंने कहा कि साध्वी ने धर्म को धंधा बना लिया है। साध्वी सरस्वती के बयान प मंत्री संजय यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साध्वी को ‘डुप्लिकेट’ करार देते हुए कहा कि वह हिंदू धर्म का चोला पहनकर समाज को गुमराह कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले 17 वर्षों से वे स्वयं मां दुर्गा की भव्य पूजा-अर्चना कर रहे हैं, जबकि साध्वी को शायद नवरात्रि के नौ दिनों की पूजा का भी ज्ञान नहीं होगा।

साध्वी सरस्वती पर इन्होंने आरएसएस की एजेंट होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे समाज में हिंदू-मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदायों के बीच भेदभाव पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा कट्टर है और वे देश को तोड़ने की साजिश कर रही हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग पैसे लेकर प्रवचन देते हैं, वे भला हिंदू धर्म का पाठ कैसे पढ़ा सकते हैं?

मंत्री संजय यादव ने साध्वी सरस्वती पर यह आरोप भी लगाया कि वे धर्म को धंधा बना चुकी हैं और भगवान तक को बेचने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि साध्वी हिंदू धर्म का ठेका लेकर बांका आई हैं और उनके प्रवचन सिर्फ हिंदू समुदाय में भ्रम फैलाने के लिए हैं। साध्वी सरस्वती और मंत्री संजय यादव के बीच जुबानी जंग से बांका सहित बिहार और झारखंड के राजनीतिक और धार्मिक माहौल में उथल-पुथल मच गई है।

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