पटना, 12 सितंबर।बिहार के ग्रामीण इलाकों की सड़कों को लंबी उम्र और बेहतर रख-रखाव देने के लिए ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा तैयार “हमारा बिहार-हमारी सड़क” मोबाइल ऐप अब ग्रामीणों के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है। इस डिजिटल नवाचार के जरिए न केवल ग्रामीण अपनी सड़कों की समस्या सीधे सरकार तक पहुँचा रहे हैं, बल्कि शिकायतों का त्वरित समाधान भी हो रहा है।
शिकायत निवारण में बड़ी सफलता
- पिछले 8 महीनों में ग्रामीणों ने कुल 1238 शिकायतें दर्ज कराईं।
- इनमें से 1072 शिकायतों का समाधान हो चुका है।
- शेष 166 शिकायतें कार्रवाई के विभिन्न चरणों में हैं।
ऐप की खासियत
- दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका लोकार्पण किया।
- ऐप के माध्यम से राज्य की सभी 534 प्रखंडों के अधीन 65,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की सूची उपलब्ध है।
- कोई भी ग्रामीण सड़कों की स्थिति (गड्ढे, क्षतिग्रस्त किनारे आदि) की तस्वीर लेकर सीधे अपलोड कर सकता है।
- अधिकारियों और अभियंताओं को मॉनिटरिंग और रख-रखाव की प्रक्रिया आसान हुई है।
- ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर कदम
ग्रामीण कार्य विभाग का कहना है कि इस ऐप का उद्देश्य न केवल शिकायतों का त्वरित निवारण है, बल्कि सड़क रख-रखाव में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करना है। ग्रामीणों की सीधी भागीदारी से विभाग तक सही फीडबैक पहुँच रहा है और कार्यों की गति तेज़ हुई है।
गांवों की कनेक्टिविटी में सुधार
ग्रामीण इलाकों की अंदरुनी सड़कों के लिए
- अतिरिक्त सुलभ संपर्क योजना
- टोला संपर्क योजना
के तहत सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इन योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दी है और राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान की है।


