पटना, 04 अक्टूबर 2025:मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के अंतर्गत ग्रामीण पथ सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में न सिर्फ सड़क नेटवर्क को मजबूती दी है, बल्कि गांवों की तस्वीर भी बदल दी है। इस योजना के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती, रोजगार के नए अवसर और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
ग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार, राज्य के सभी 38 जिलों में 17,982 ग्रामीण पथों का पुनर्निर्माण प्रशासनिक स्वीकृति के साथ किया जा चुका है, जिनकी कुल लंबाई 30,734 किलोमीटर है। इन सड़कों के जरिए हजारों गांवों को हर मौसम में निर्बाध संपर्क, बाजारों तक आसान पहुंच, स्कूलों और अस्पतालों तक सुगम आवागमन जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।
अबतक इन 17,982 सड़कों में से 11,985 सड़कों (20,998 किलोमीटर) पर काम शुरू हो चुका है और 38 सड़कों का निर्माण कार्य 2,212.41 किलोमीटर की कुल लंबाई में पूरा कर लिया गया है। इस योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सभी संवेदकों को रूरल रोड रिपेयर वाहन मुहैया कराया गया है, ताकि सड़क पर किसी भी प्रकार की असुविधा या समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत सड़कों की सतह को दो बार कालीकरण किया जाएगा, जिससे सड़क की मजबूती बनी रहे और वाहन परिचालन सुचारू हो। इसके अलावा, हर वित्तीय वर्ष के बाद पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हुई सड़कों का चयन कर उन्हें फिर से उन्नत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण सड़क नेटवर्क की गुणवत्ता और स्थायित्व सुनिश्चित किया जा सके।
इस योजना से गांवों में ग्रामीण उत्पादों को बाजार तक पहुंचने में आसानी हुई है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कार्यक्रम के प्रभाव से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थायित्व के साथ तेजी से सुधार देखने को मिलेगा।


