नई दिल्ली —विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसदों का सोमवार को संसद से चुनाव आयोग (ECI) मुख्यालय तक प्रस्तावित मार्च पुलिस की रोकथाम और गिरफ्तारी के कारण हंगामे में बदल गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में निकले इस मार्च को दिल्ली पुलिस ने बीच रास्ते में रोक दिया, जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने सड़क पर ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत, सागरिका घोष समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। यह मार्च बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित चुनावी गड़बड़ियों के विरोध में आयोजित किया गया था।
कैसे शुरू हुआ विवाद
सुबह करीब 11:30 बजे संसद भवन से यह मार्च शुरू हुआ, जो चुनाव आयोग के कार्यालय तक लगभग 1 किमी लंबा तय किया जाना था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने पहले ही बैरिकेडिंग कर रखी थी और अनुमति न मिलने का हवाला देकर मार्च को रोक दिया।
नेताओं के बयान
- राहुल गांधी ने कहा — “यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, बल्कि संविधान बचाने की लड़ाई है। यह एक व्यक्ति, एक वोट के अधिकार की रक्षा की लड़ाई है। हम एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं।”
- जयराम रमेश ने आरोप लगाया — “हमने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शांतिपूर्ण मार्च की जानकारी दी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब वे कह रहे हैं कि सिर्फ 30 सांसद जा सकते हैं। यह ‘चुनाव आयोग’ अब ‘चुराओ आयोग’ बन गया है।”
- शशि थरूर ने कहा — “जब तक चुनाव की निष्पक्षता पर संदेह रहेगा, चुनाव आयोग की विश्वसनीयता प्रभावित होगी। इन सवालों का समाधान आयोग के हित में है।”
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी के ताली बजाकर विरोध करने और अखिलेश यादव के बैरिकेड कूदने की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं।


