रोहतास (बिहार), 10 जुलाई 2025:बहार के रोहतास जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और निजी क्लिनिक की मनमानी के कारण एक महिला की जान चली गई, जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। घटना काराकाट थाना क्षेत्र के गोरारी गांव की है, जहां वीडियो कॉल पर ऑपरेशन करने वाले कथित डॉक्टर की लापरवाही से 26 वर्षीय संगीता देवी की मौत हो गई।
झोलाछाप डॉक्टर और वीडियो कॉल ऑपरेशन का आरोप
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि संगीता देवी को प्रसव पीड़ा के बाद पहले सीएचसी काराकाट लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल सासाराम रेफर किया। लेकिन आशा कार्यकर्ता की मिलीभगत से परिजनों को गुमराह कर एक फर्जी निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया।
कथित रूप से वहां मौजूद डॉक्टर ने वीडियो कॉल पर एक अन्य व्यक्ति से बात कर ऑपरेशन शुरू कर दिया, जिसके दौरान महिला की स्थिति बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
“वीडियो कॉल पर डॉक्टर इलाज बता रहा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद मेरी बहन की हालत खराब हो गई। फिर स्टाफ मशीनें हटाने लगा और कहा – इसे जल्दी यहां से ले जाओ,”
— सुनीता, मृतका की बहन
नवजात सुरक्षित, डॉक्टर और स्टाफ फरार
इस दर्दनाक घटना में नवजात बच्चे की जान बच गई, लेकिन जच्चा की मौत हो गई।
मृतका जयश्री गांव निवासी संगीता देवी थीं, जिनके पति विनोद प्रसाद हैदराबाद में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि:
“डॉक्टर ने कहा कि हालत गंभीर है, सीएचसी ले जाइए। लेकिन जब हम पहुंचे तो डॉक्टर भाग चुका था।”
क्लिनिक सील, जांच के आदेश
घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष भगीरथ कुमार ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वहीं सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन के निर्देश पर निजी क्लिनिक को सील कर दिया गया है और झोलाछाप डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।
“जिले में अवैध क्लिनिक के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया जाएगा। आशा कार्यकर्ता पर भी कार्रवाई होगी।”
— डॉ. मणिराज रंजन, सिविल सर्जन, सासाराम
स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल
इस घटना ने जिले में बिना पंजीकरण चल रहे क्लिनिकों और झोलाछाप डॉक्टरों की पोल खोल दी है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, आशा कार्यकर्ताओं की मिलीभगत और निजी संस्थानों की मनमानी ने फिर एक बार स्वास्थ्य सेवाओं की ज़मीनी हकीकत उजागर कर दी है।