नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से लेकर अब तक देश में सड़क बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था को गति मिली है, बल्कि रोजगार, पर्यटन, व्यापार और लॉजिस्टिक्स की लागत में भी बड़ा सुधार हुआ है।
देश में सड़कों का अभूतपूर्व विकास
नितिन गडकरी के अनुसार, 2014 में भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,000 किलोमीटर थी, जो अब 2024 तक बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो चुकी है। पहले प्रतिदिन 12 किमी सड़क बनती थी, जो अब 28-30 किमी प्रतिदिन तक पहुंच गई है।
5.35 लाख करोड़ की भारतमाला परियोजना
भारतमाला योजना के तहत देशभर में 65,000 किमी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें आर्थिक कॉरिडोर, अंतर्राष्ट्रीय सीमा सड़कें और धार्मिक सर्किट भी शामिल हैं। इसके जरिये न केवल लॉजिस्टिक्स की लागत घटाई जा रही है, बल्कि धार्मिक पर्यटन और सीमावर्ती कनेक्टिविटी भी सशक्त हो रही है।
बौद्ध सर्किट और चार धाम कनेक्टिविटी
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 22,000 करोड़ रुपये की लागत से बौद्ध सर्किट और चार धाम यात्रा मार्गों का आधुनिकीकरण किया गया है। तीर्थयात्रियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। केदारनाथ के लिए 12,000 करोड़ की लागत से रोपवे बन रहा है और कैलाश मानसरोवर लिंक रोड का 90% काम पूरा हो चुका है।
फ्लाइंग बस और स्काईवे प्रोजेक्ट
गडकरी ने बताया कि दिल्ली से मानेसर तक स्काईवे सिस्टम आधारित उड़ने वाली बस सेवा भी लगभग तैयार है। नागपुर में जल्द ही 135 सीटर फ्लैश-चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होगी, जिसमें बस होस्टेस और एग्जीक्यूटिव क्लास सुविधाएं होंगी।
सड़क निर्माण का अर्थव्यवस्था पर असर
आईआईएम बैंगलोर के अध्ययन के अनुसार, सड़क निर्माण पर खर्च किए गए हर 1 रुपये से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 3.21 रुपये की वृद्धि होती है। इससे घरेलू उत्पादन में 9% और कार बिक्री में 10.4% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
गति शक्ति और PPP मॉडल
‘गति शक्ति’ मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी योजना ने सड़क, रेलवे, वायु, जलमार्ग और बंदरगाहों को एकीकृत कर दिया है। इसके साथ ही, पीपीपी मॉडल (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) के जरिये अब तक 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं।
गडकरी का विजन 2047
गडकरी ने कहा, “अमेरिका अमीर इसलिए है क्योंकि उसके पास अच्छी सड़कें हैं।” यही सोच लेकर केंद्र सरकार 2047 तक भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
(लेखक: नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री)