औरंगाबाद में मत्स्य योजनाओं की समीक्षा, निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश

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पटना: बिहार में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में बिहार के निदेशक मत्स्य ने आज विकास भवन, पटना स्थित अपने कार्यालय में औरंगाबाद जिले में संचालित राज्य एवं केंद्र प्रायोजित मत्स्य योजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना सहित सात-निश्चय-2 योजना की प्रगति और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में सामने आया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। इस पर निदेशक मत्स्य ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर तालाब निर्माण और अन्य अधूरे कार्यों को पूरा किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि नया तालाब निर्माण एवं रियरिंग तालाब निर्माण के कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि मछुआरों को अनुदान का लाभ जल्द से जल्द मिल सके।

मत्स्य योजनाओं में अब तक की उपलब्धियां

बैठक के दौरान अब तक की प्रगति का भी विश्लेषण किया गया।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत औरंगाबाद जिले में अब तक 21.55 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाब निर्माण का कार्य पूरा किया जा चुका है।
सात-निश्चय-2 योजना के अंतर्गत पठारी क्षेत्रों में 12 एकड़ क्षेत्र में तालाब निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
हालांकि, लक्ष्य को 100% प्राप्त करने के लिए अब भी अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सख्त निर्देश

निदेशक मत्स्य ने जिला मत्स्य पदाधिकारी, औरंगाबाद को निर्देश दिया कि वे तेजी से आवेदन सृजित करें और लाभार्थियों का चयन कर कार्यादेश जारी करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित किया जाए, ताकि अधिकतम मछुआरों और मत्स्य किसानों को लाभ मिल सके।

सरकार की प्राथमिकता – मछुआरों को अधिकतम लाभ

मत्स्य पालन क्षेत्र में औरंगाबाद की प्रगति को और तेज करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की देरी न करें। राज्य सरकार मछुआरों और मत्स्य किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है।

इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला मत्स्य पदाधिकारी, औरंगाबाद, उप निदेशक (राज्य परियोजना इकाई), मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी और परियोजना समन्वयक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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