देहरादून के एक प्रतिष्ठित केंद्रीय संस्थान में एक गंभीर और चिंताजनक मामला सामने आया है। संस्थान की एक शोध छात्रा की शिकायत पर एक शोध छात्र के खिलाफ छात्राओं की तस्वीरों को मॉर्फ कर अश्लील रूप देने और साइबर उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित छात्राओं ने आशंका जताई है कि यह आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर वायरल की जा सकती है।
आरोपी छात्र के खिलाफ केस दर्ज
पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आरोपी कौशिक मोहन कोली के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
इंस्पेक्टर पटेलनगर सीबीएस के अनुसार, संस्थान की एक शोध छात्रा ने शिकायत दी कि आरोपी लगातार पीछा करता था, फोन और मैसेज से परेशान करता था। हाल ही में छात्राओं को यह भी जानकारी मिली कि आरोपी ने कई छात्राओं की तस्वीरों को मॉर्फ कर अश्लील सामग्री तैयार की है और अपने फोन में सुरक्षित रखा है।
फोन और लैपटॉप जब्त, फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया
पुलिस ने आरोपी का मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी ने डिवाइसेज से कुछ फाइलें डिलीट कर दी थीं। इन उपकरणों को अब फॉरेंसिक लैब भेजा जा रहा है, जहां से डिलीट की गई फाइलों की रिकवरी की जाएगी।
छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना के बाद संस्थान की छवि पर सवाल खड़े हुए हैं और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। कई छात्राओं ने बताया कि आरोपी का व्यवहार पहले से संदिग्ध था, लेकिन अब तस्वीरों के दुरुपयोग की जानकारी मिलने के बाद वे असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
पुलिस की कार्रवाई जारी
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया:
“आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसका फोन और लैपटॉप फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जल्द ही आरोपी से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
संस्थान कर रहा आंतरिक जांच
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए संस्थान ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। संस्थान का कहना है कि दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डिजिटल उत्पीड़न को लेकर चिंता
यह मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में भी साइबर शोषण और डिजिटल अपराध जैसी समस्याएं गंभीर स्तर पर मौजूद हैं। मॉर्फिंग, साइबर स्टॉकिंग और निजता का उल्लंघन जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई और प्रभावी रोकथाम की आवश्यकता है।


