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रेरा बिहार द्वारा भागलपुर में कार्यशाला आयोजित, जिलों को भेजी जाएगी विस्तृत सूचना पुस्तिका

ByKumar Aditya

मई 17, 2025
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भागलपुर: भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार द्वारा भागलपुर में एक संवेदीकरण-सह-अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रेरा बिहार के अध्यक्ष श्री विवेक कुमार सिंह ने ऐलान किया कि राज्य के सभी जिलों को एक विस्तृत सूचना पुस्तिका भेजी जाएगी, जिसमें जिलेवार निबंधित प्रोजेक्ट्स, रियल एस्टेट एजेंटों की जानकारी, आयोजन क्षेत्र का विवरण एवं प्रोजेक्ट्स की रैंकिंग शामिल होगी।

श्री सिंह ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य जिलों को पर्याप्त जानकारी प्रदान करना है, जिससे अनिबंधित प्रोजेक्ट्स और एजेंटों की पहचान कर, उनके खिलाफ रेरा अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों और आरक्षी अधीक्षकों को निर्देशित किया कि यदि किसी पीड़ित घर खरीदार की शिकायत आती है, तो उसे रेरा पोर्टल पर दर्ज कर, त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।

रेरा अध्यक्ष ने जिला और नगर निकाय प्रशासन से आग्रह किया कि वे रेरा अधिनियम को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा, “फ्लैट और भूखंड खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए ही रेरा कानून बनाया गया है, इसलिए इसके क्रियान्वयन में जिला प्रशासन की भूमिका अहम है।”

इस अवसर पर रेरा बिहार के जांच आयुक्त श्री संजय सिंह ने कहा कि रेरा अधिनियम एक सोच-समझ कर बनाया गया कानून है, जिसका उद्देश्य खरीदारों के हितों की रक्षा और विवादों का शीघ्र समाधान है।

प्रमुख उपस्थितियां और वक्तव्य:

  • श्री नवल किशोर चौधरी, जिलाधिकारी, भागलपुर ने कहा कि प्राधिकरण को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जो खरीदारों की वास्तविक समस्याओं को समझे और उसी अनुसार नियम तय करे।
  • श्री अंशुल कुमार, जिलाधिकारी, बांका ने इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्राधिकरण को धन्यवाद दिया।
  • श्री विवेक कुमार, आरक्षी महानिरीक्षक, भागलपुर ने सभी लंबित वारंटों की सूची प्राधिकरण से साझा करने की बात कही, ताकि उनके निष्पादन में मदद मिल सके।

प्रस्तुतिकरण और तकनीकी सत्र:

रेरा बिहार की टीम ने एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से रेरा अधिनियम के मुख्य प्रावधानों, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और जिला प्रशासन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
नगर पालिकाओं की भूमिका विशेष रूप से बिहार भवन उपनियम 2014 (संशोधित 2022) के संदर्भ में रेखांकित की गई।

कार्यशाला के अंतिम चरण में भागलपुर और बांका जिलों में निबंधित परियोजनाओं के प्रमोटरों के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें निबंधन की प्रक्रिया, अनुपालन और नई विनियमावलियों की जानकारी दी गई।
इसके बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र में रेरा अधिकारियों ने प्रमोटरों एवं अन्य हितधारकों की शंकाओं का समाधान किया।

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