
पटना, 06 जुलाई | बिहार सरकार के ऐतिहासिक निर्णय का असर अब ज़मीन पर दिखाई देने लगा है। पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों के संचालन और एटीएफ (एयर टरबाइन फ्यूल) की खपत में अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह वृद्धि उस समय दर्ज की गई जब राज्य सरकार ने विमानन कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए एटीएफ पर वैट की दर को 29% से घटाकर मात्र 4% कर दिया।
नया टर्मिनल, नई रफ्तार
पटना एयरपोर्ट पर पहले जहां पुराने टर्मिनल भवन के दौरान प्रतिदिन करीब 80 विमानों की आवाजाही होती थी, अब नए टर्मिनल भवन के निर्माण और उद्घाटन के बाद यह आंकड़ा 100 से अधिक उड़ानों तक पहुँच चुका है। इससे हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को व्यापक सुविधा मिली है और उड़ानों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है।
विक्रय में ऐतिहासिक उछाल
वाणिज्य कर विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार:
- मई 2024 में जब वैट की दर 29% थी, तब 2318.20 किलोलीटर एटीएफ की खपत दर्ज हुई थी।
- इसके बाद जून में वैट घटाकर 4% करने के निर्णय का तत्काल प्रभाव देखने को मिला।
- जून 2025 में एटीएफ की बिक्री 5920.38 किलोलीटर हो गई — जो 134% की वृद्धि को दर्शाता है।
सरकारी नीति का असर
राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष जून में एटीएफ पर वैट की कटौती को लेकर लिया गया निर्णय विमानन कंपनियों को बिहार में अपने संचालन का विस्तार करने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा है। इससे ईंधन की लागत में भारी कमी आई है, जिससे कंपनियों को आर्थिक लाभ हुआ है और यात्रियों को भी अधिक कनेक्टिविटी मिल रही है।
नए टर्मिनल से आसमान की उड़ान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से 30 मई 2025 को पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया था।
- ₹1,200 करोड़ की लागत से बने इस टर्मिनल की क्षमता 65,150 वर्ग मीटर है।
- यह सालाना 1 करोड़ यात्रियों को सेवा देने में सक्षम है।
- इस टर्मिनल से अब अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों की संख्या में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
भाविष्य में और उछाल की संभावना
विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों का मानना है कि एटीएफ की दरों में की गई कटौती आने वाले महीनों में पटना को देश के शीर्ष एयर ट्रैफिक हब के रूप में स्थापित कर सकती है। साथ ही, इससे पर्यटन, व्यापार और निवेश को भी नई दिशा मिलेगी।