बिहार के मोकामा और बेगूसराय को जोड़ने वाले राजेंद्र सेतु के सड़क मार्ग पर आज, 12 अप्रैल 2025 की रात 10 बजे से रविवार, 13 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक आवागमन पूरी तरह बंद रहेगा। यह जानकारी पुल की मरम्मत में जुटी एजेंसी एसपीएस इंडिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी अरुण गुप्ता ने दी। इस दौरान केवल एम्बुलेंस और आवश्यक छोटे वाहनों को छूट दी जाएगी, बाकी सभी वाहनों पर पाबंदी रहेगी।
राजेंद्र सेतु की सड़क पर मरम्मत का काम लंबे समय से चल रहा है। इस बार स्पैन नंबर 12 के पास पश्चिमी हिस्से में 122 मीटर लंबे स्लैब पर कंक्रीट ढलाई का काम होना है। यह कार्य बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे पुल की मजबूती और सुरक्षा बढ़ेगी। एजेंसी के अधिकारी अरुण गुप्ता ने बताया कि कंक्रीट ढलाई के दौरान कंपन से काम की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, इसलिए 8 घंटे तक सड़क मार्ग को पूरी तरह बंद रखा जाएगा। इस मरम्मत से पुल की मजबूती बढ़ेगी और भविष्य में यात्रा और सुरक्षित होगी।
दरअसल, यह कंक्रीट कार्य पहले 10 अप्रैल 2025 को निर्धारित था, लेकिन भारी बारिश और तूफान की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा। अब मौसम अनुकूल होने पर रेलवे ने 12 अप्रैल की रात को मेगा ब्लॉक लेने का फैसला किया है। रेलवे ने इसकी सूचना पटना और बेगूसराय जिला प्रशासन को पहले ही दे दी थी, ताकि यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए जा सकें।
8 घंटे की इस बंदी के दौरान एम्बुलेंस और छोटे आपातकालीन वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन को राजेंद्र सेतु से गुजरने की अनुमति नहीं होगी। इसका मतलब है कि निजी कार, बस, ट्रक और अन्य भारी वाहनों को वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना होगा। सिमरिया और हाथीदह की ओर से पुलिस बल तैनात रहेगा, ताकि कोई अनधिकृत वाहन प्रवेश न कर सके। साथ ही, एजेंसी के निजी सुरक्षा कर्मी भी मौजूद रहेंगे। रेल परिचालन पर इस बंदी का कोई असर नहीं होगा, क्योंकि यह केवल सड़क मार्ग के लिए है।
यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों का सुझाव दिया है। अगर आप बेगूसराय से पटना या लखीसराय जा रहे हैं, तो जीरो माइल बेगूसराय से समस्तीपुर-हाजीपुर होकर एनएच 28 का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, मोकामा या बख्तियारपुर से अन्य रास्तों का भी उपयोग किया जा सकता है।
65 करोड़ रुपये की लागत से अप्रैल 2023 से शुरू हुआ यह मरम्मत कार्य 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इसमें स्लैब की कटाई, ढलाई और कंक्रीटिंग जैसे काम शामिल हैं। अरुण गुप्ता ने बताया कि दिसंबर 2024 तक ज्यादातर काम पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन मौसम और अन्य कारणों से अब इसे 2025 तक बढ़ाया गया है। वर्तमान में पुल पर वन-वे व्यवस्था चल रही है, जहाँ हर 30 मिनट के अंतराल पर दोनों दिशाओं से वाहनों को निकाला जाता है।