WhatsApp
Home Local YouTube Instagram
GridArt 20230823 114051664 scaled

सीबीआई ने कनाडा में रहने वाले राहुल गंगल नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। हालही में डिफेंस पत्रकार विवेक रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद जांच में सामने आया था कि राहुल गंगल ने कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स विवेक रघुवंशी को दिए थे। आरोप था कि वह भारतीय डिफेंस के सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स दूसरे देशों से साझा करते थे। जानकारी मिली थी कि 19 अगस्त को राहुल गंगल भारत आ रहा है, जिसके बाद उसे अरेस्ट किया गया। जब इसके ठिकानों पर रेड्स की गई तो वहां से भी डिफेंस से जुड़े खुफिया दस्तावेज बरामद हुए हैं। मामले की जांच जारी है।

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई ने एक मामले की चल रही जांच में एक आरोपी और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया था। इनके नाम विवेक रघुवंशी (पत्रकार) और आशीष पाठक (पूर्व नेवी कमांडर) थे। भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के साथ आधिकारिक सीक्रेट अधिनियम की धारा 3 के तहत दर्ज मामले की चल रही जांच में ये गिरफ्तारी हुई थी।

सीबीआई ने 9 दिसंबर 2022 को एक आरोपी के खिलाफ उक्त मामला इस आरोप में दर्ज किया कि आरोपी डीआरडीओ रक्षा परियोजनाओं और उनकी प्रगति के सूक्ष्म विवरण, भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की खरीद के बारे में संवेदनशील विवरण सहित संवेदनशील जानकारी के अवैध संग्रह में शामिल था।

इस दौरान एनसीआर और जयपुर में लगभग 15 जगहों पर तलाशी ली गई थी। सीबीआई ने तलाशी के दौरान एफआईआर में नामित आरोपियों और उक्त आरोपियों से जुड़े अन्य लोगों के लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव आदि सहित 48 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे। इस दौरान भारतीय डिफेंस से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ भी जब्त किए गए थे। आरोप ये भी लगा था कि आरोपी और उसके सहयोगी (पूर्व नौसेना कमांडर, वर्तमान में एक निजी फर्म के साथ कार्यरत) के पास भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित गुप्त दस्तावेज थे।

आरोपी के कब्जे से मिले थे अहम सबूत

आरोपी के कब्जे से अब तक बरामद किए गए उपकरणों की जांच से यह भी पता चला कि आरोपी कथित तौर पर विभिन्न स्रोतों से भारत की रक्षा खरीद से संबंधित गोपनीय जानकारी जमा कर रहा था और कई विदेशी संस्थाओं/एजेंटों/ व्यक्तियों के संपर्क में था, और उसने  गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए कई विदेशी संस्थाओं के साथ समझौते किए थे। यह भी आरोप लगा कि आरोपी और उसके परिवार के सदस्यों को विदेशी स्रोतों से काफी रकम मिली थी। जानकारी के मुताबिक यह एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है जिसमें कुछ भारतीय पत्रकार दुश्मन देशों की खुफिया एजेंसियों को उक्त रणनीतिक/गुप्त सूचनाएं मुहैया करा रहे हैं।

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें