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पटना, 22 जून: बिहार के पथ निर्माण क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 जून को कच्ची दरगाह–बिदुपुर छह लेन पुल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। इस चरण में एनएच-31 से राघोपुर तक के मार्ग को जनता को समर्पित किया जाएगा।

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पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि यह दिन राघोपुर दियारा के लिए ऐतिहासिक होगा। दशकों से नाव और पीपा पुल पर निर्भर इस क्षेत्र के लोग अब मात्र पांच मिनट में राजधानी पटना पहुंच सकेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस दूरदर्शी परियोजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पुल सामाजिक और आर्थिक विकास की नई राह खोलेगा।


मुख्य बिंदु:

  • पहला स्थायी संपर्क:
    राघोपुर को राजधानी पटना से जोड़ने वाला यह पहला स्थायी पुल है। अब मानसून में पीपा पुल हटने के कारण होने वाला संपर्क-विच्छेद इतिहास बन जाएगा।
  • बड़ी परियोजना, आधुनिक तकनीक:
    इस परियोजना की कुल लंबाई 19 किमी है, जिसमें 9.76 किमी लंबा एक्स्ट्रा डोज्ड केबल स्टे ब्रिज गंगा नदी पर बना है। इसे 100 किमी/घंटा रफ्तार के अनुरूप डिजाइन किया गया है। पुल की चौड़ाई 32 मीटर है।
  • वित्तीय विवरण:
    परियोजना के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से 3,000 करोड़ और राज्य सरकार से 2,000 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
  • कनेक्टिविटी और संपर्क मार्ग:
    पुल के उद्घाटन के साथ ही एनएच-31 से राघोपुर तक यातायात की शुरुआत हो जाएगी। साथ ही पंसरिया चौक तक संपर्क पथ के लिए 17 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
  • ट्रैफिक दबाव होगा कम:
    पुल चालू होने के बाद महात्मा गांधी सेतु पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। साथ ही पटना–बिदुपुर–राघोपुर के बीच तेज और सुरक्षित संपर्क बनेगा।
  • विकास को मिलेगा बल:
    यह पुल दियारा क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार, व्यापार और निवेश के नए अवसर लाएगा। यह स्थानीय जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में क्रांतिकारी भूमिका निभाएगा।

राज्य सरकार का 2027 लक्ष्य:

मंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना को मात्र साढ़े तीन घंटे में जोड़ने का है। कच्ची दरगाह–बिदुपुर पुल इस दिशा में एक प्रमुख आधार बनेगा।

पथ निर्माण मंत्री ने राघोपुर की जनता को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार आधारभूत संरचना के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कई अन्य परियोजनाएं भी अंतिम चरण में हैं, जिन्हें शीघ्र ही जनता को समर्पित किया जाएगा।