दो थानों की पुलिस पर पीड़ितों ने लगाए गंभीर आरोप, एसएसपी को दिए आवेदन
भागलपुर। जिले में पुलिस की कार्यशैली को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। एक ओर चोरी के आरोपी को थाने से बिना कार्रवाई छोड़ने का मामला सामने आया है, तो दूसरी ओर पुलिस द्वारा मारपीट और जबरन बयान देने का आरोप लगाया गया है। दोनों मामलों में पीड़ितों ने वरीय पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।
चोरी के आरोपी को छोड़ने पर थानाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत
जोगसर थाना क्षेत्र के प्रेमलता लेन निवासी मो. जफर आलम ने वरीय पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर जोगसर थानाध्यक्ष केडी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पीड़ित ने बताया कि वे फिलहाल मोतिहारी प्रमंडल में सीमा शुल्क अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। 7 मई की रात उनके घर की खिड़की तोड़कर पड़ोस के कुछ युवकों ने मोटर, पंखा समेत अन्य सामान की चोरी कर ली।
स्थानीय लोगों की मदद से एक आरोपी को पकड़कर जोगसर थाना पुलिस के हवाले किया गया। लेकिन बाद में जानकारी मिली कि पुलिस ने बिना किसी कानूनी कार्रवाई के आरोपी को छोड़ दिया।
इस मामले में जोगसर थानाध्यक्ष केडी सिंह ने कहा कि चोरी के आरोप में 14 वर्षीय नाबालिग को पकड़ा गया था। लिखित आवेदन नहीं मिलने और ठोस सबूत के अभाव में आरोपी को छोड़ दिया गया।
ढाबा संचालक ने पुलिस पर मारपीट और मोबाइल छीनने का आरोप लगाया
इधर, लोदीपुर थाना क्षेत्र के रामपुरी बाईपास इलाके में ढाबा संचालक ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है।
पीड़ित के अनुसार, बुधवार रात करीब नौ बजे पुलिसकर्मी ढाबा पहुंचे और संचालक समेत दोनों बेटों को जबरन थाने ले जाने लगे। विरोध करने पर मारपीट की गई।
आरोप है कि ढाबे में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करने के बाद मोबाइल से बनाए गए वीडियो भी छीन लिए गए।
इस संबंध में लोदीपुर थानाध्यक्ष घनश्याम कुमार सिंह ने आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है।
पुलिसकर्मी पर घर में घुसकर मारपीट और दबाव डालने का आरोप
वहीं, लोदीपुर थाना क्षेत्र के माछीपुर निवासी मो. निजाम अशरफी ने वरीय पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर लोदीपुर थाना में पदस्थापित एएसआई बिनोद कुमार सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है।
पीड़ित ने बताया कि पुलिसकर्मी घर में घुस आए और मारपीट करने लगे। विरोध करने पर पत्नी और बच्चों के साथ भी मारपीट की गई।
आरोप है कि पुलिसकर्मी जबरन बयान देने का दबाव बना रहे थे।
इस संबंध में थानाध्यक्ष घनश्याम कुमार सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।
एसएसपी से की गई कार्रवाई की मांग
दोनों मामलों में पीड़ितों ने वरीय पुलिस अधीक्षक ह्रदय कांत को लिखित आवेदन देकर संबंधित थाना प्रभारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है।
फिलहाल मामले की उच्चस्तरीय जांच की प्रतीक्षा की जा रही है।