हर गांव, हर टोले तक पक्की सड़क: बिहार ने 1.19 लाख से अधिक बसावटों को जोड़ा बारहमासी संपर्कता से

Roads of NitishRoads of Nitish

पटना, 16 मईबिहार सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक राज्य की 1,19,816 बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता से जोड़ दिया है। इसके अंतर्गत 1,18,511 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो चुका है, जिससे अब राज्य के अधिकांश गांवों और टोलों तक सीधा, पक्का और हर मौसम में सुगम मार्ग उपलब्ध हो गया है।

ग्रामीण सड़कों के विकास की बहुआयामी योजनाएं
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पहले केवल 1,000 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों को जोड़ने का लक्ष्य था। लेकिन बिहार ने इससे आगे बढ़ते हुए 2006-07 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की, जिसके तहत 500 से 999 आबादी वाले बसावटों को भी सड़क से जोड़ा गया। इसके अलावा उग्रवाद प्रभावित जिलों में यह सीमा 250 आबादी तक लाई गई।

2013-14 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना शुरू की गई, जिसके तहत 250 से अधिक आबादी वाले सभी बसावटों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया। अब तक:

  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: 57,102 बसावटों को जोड़ते हुए 53,283 किमी सड़क निर्माण
  • राज्य योजनाएं (मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना, टोला संपर्क निश्चय योजना आदि): 63,174 बसावटों को जोड़ते हुए 64,926 किमी सड़क निर्माण

2023 में नई पहल – ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष)’
राज्य सरकार ने अब 100 से अधिक आबादी वाले शेष बचे गांवों तक भी संपर्कता सुनिश्चित करने के लिए यह योजना शुरू की है। प्रारंभिक सर्वेक्षण में 13,814 बसावटों (16,652 किमी) को चिह्नित किया गया, जिनमें से 3,494 बसावटों के लिए 4,462.49 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है। आगामी 2025-26 तक 5,900 करोड़ रुपये की लागत से 1,800 अतिरिक्त बसावटों (4,500 किमी) को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है।

सड़कों के अनुरक्षण पर भी विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत बनी सभी सड़कों का निर्माण पूरा होने के बाद 6 वर्षों तक उनका सतत अनुरक्षण किया जाएगा। इस अवधि में 5वें वर्ष की पहली तिमाही में पुनः कालीकरण किया जाएगा ताकि ग्रामीण जनता को लंबे समय तक गुणवत्तापूर्ण सड़क सुविधा मिलती रहे।


 

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