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अखिल विप्र कल्याणम के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन

ByLuv Kush

जनवरी 19, 2025
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अखिल विप्र कल्याणम एक धर्मार्थ संगठन है जिसका उद्देश्य विप्र एकता स्थापित करना और हमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विप्र नेतृत्व के लिए एक आवाज बनने में सक्षम बनाना है, ताकि सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के साथ-साथ विश्व शांति और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।

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अखिल विप्र कल्याणम के उद्देश्य निम्नलिखित है

देश और दुनिया भर के सभी विप्रों के बीच एकता पैदा करना

विप्रों की खोई हुई महिमा, संस्कृति और विरासत को पुनः स्थापित करना

विप्रों से संबंधित ज्वलंत मुद्दों को व्यक्त करने के लिए एक पारदर्शी एवं सशक्त मंच की स्थापना करना

विभिन्न भौगोलिक, पृष्ठभूमि और सामाजिक-आर्थिक वर्गों से आने वाले विप्रों का पर्याप्त और उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना

सर्वत्र विप्रों के गिरते मनोबल एवं आत्मसम्मान को बढ़ाना

एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना ताकि विप्र फल-फूल सकें

हर संभव तरीके से साथी विप्रों को बढ़ावा देने की संस्कृति स्थापित करना

विप्र नेतृत्व के माध्यम से भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करना

यह सुनिश्चित करना कि विप्रों को सभी स्तरों पर अत्यंत गंभीरता से लिया जाए और उनके साथ अत्यंत सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए

भारत और विश्व के इतिहास में विप्रों की सबसे बड़ी सभा में सभी विप्रों को भाग लेने, आत्मनिरीक्षण करने, आत्म- सुधार करने, एकजुट होने, एक साथ खड़े होने और अपनी खोई हुई महिमा का दावा करने के लिए प्रेरित करना – विप्र महाकुंभ

शास्त्रों के अध्ययन-अध्यापन तथा धर्म के सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार का दायित्व परम्परागत रूप से विप्रों को ही सौंपा गया है। आधुनिक समय में समाज द्वारा विप्रों के प्रति उपेक्षा के कारण भारत के लोग सनातन धर्म तथा उसके सिद्धांतों से विमुख हो गए हैं।

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अखिल विप्र कल्याणम् का उद्देश्य शास्त्रों के ज्ञान तथा सिद्धांतों के माध्यम से सभी का कल्याण सुनिश्चित करने वाले विप्रों को सशक्त बनाकर सनातन धर्म को सुदृढ़ बनाना है। आम लोगों को सनातन धर्म के मंदिरों तथा मठों से जोड़कर तथा इस दिशा में निरंतर संलग्न होकर अखिल विप्र कल्याणम् सनातन की सभी शक्तियों को एकजुट करने जा रहा है। “संघे शक्ति कलियुगे” तथा “आत्मनो मोक्षार्थं जगधिताय च अखिल विप्र कल्याणम् के सिद्धांत हैं।

मकर संक्रांति के पावन अवसर पर अखिल विप्र कल्याणम द्वारा “मकर संक्रांति उत्सव” का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूरे बिहार से लोगों को आमंत्रित किया गया है ताकि वे जीवन के सभी क्षेत्रों में विप्रों की महत्ता के बारे में जान सकें।

“मकर संक्रांति” का अवसर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। इसी प्रकार यह आयोजन विप्रों के एक नए क्षितिज की ओर संक्रमण का प्रतीक होगा। इस आयोजन में विप्र समागम, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मान समारोह और दही चूड़ा का आयोजन होगा।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री विजय प्रसाद सिन्हा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और अश्विनी चौबे करेंगे। इसके अलावा इस आयोजन में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव, बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री मंगल पांडे, नीतीश मिश्रा, केदार गुप्ता, नितिन नवीन, जनक राम और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति जिनमें विभिन्न सांसद और विधायक शामिल हैं जो इस कारण का समर्थन कर रहे हैं।

हाल ही में, ब्राह्मणों और ब्राह्मणवाद के बारे में बहुत अधिक प्रतिक्रिया और नकारात्मक कथा हुई है जो वास्तविक सनातन संस्कृति के खिलाफ है। अखिल विप्र कल्याणम विषाक्तता को शुद्ध करने और शास्त्रों और शास्त्रियों दोनों की खोई हुई महिमा को वापस लाने के लिए निरंतर प्रयास करेगा। संस्कार, संस्कृति, संस्कृत और सनातन की रक्षा और प्रचार करना अखिल विप्र कल्याणम का एक मूल मिशन है।

अखिल विप्र कल्याणम सनातनियों को मंदिरों से जोड़ने और मंदिरों को हम सभी के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक विकास का केंद्र बनाने की दिशा में भी काम करेगा। सभी क्षेत्रों के लोग महसूस कर रहे हैं कि यह समय की मांग है।

अखिल विप्र कल्याणम के पीछे मुख्य व्यक्ति हैं मृत्युंजय झा, आशीष के. झा, आचार्य विनय चेतन शास्त्री, चंद्रांशु मिश्रा, अवधेश कुमार, राजीव उपाध्याय, कार्तिकश झा, प्रदीप उपाध्याय, स्वेता झा, चंदन राज, श्रीधर पांडे, राम राजकुमार झा, रत्नेश कुमार, अर्चना ठाकुर, डॉ बी झा मृणाल, मीना झा, सुजीत मिश्रा, अमित मिश्रा एवं अधिवक्ता एस.के. मिश्रा.।


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