पटना। बिहार में कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देने वाली एक और बड़ी परियोजना की शुरुआत हो गई है। बक्सर से भागलपुर तक लगभग 364 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के निर्माण की दिशा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड कॉरिडोर के मिश्रण के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने को लेकर एजेंसी चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
270 दिनों में बनेगी डीपीआर, तय होगा निर्माण का स्वरूप
चयनित एजेंसी को 270 दिनों के भीतर डीपीआर तैयार करनी होगी। रिपोर्ट में यह तय किया जाएगा कि पूरी सड़क नई ग्रीनफील्ड के रूप में बनेगी या फिर वर्तमान ब्राउनफील्ड सड़कों का अपग्रेडेशन कर उन्हें एक्सप्रेसवे में बदला जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, इस कॉरिडोर में लगभग 264 किमी हिस्से में नई ग्रीनफील्ड सड़क बनाई जाएगी, जबकि 100 किमी पुराने मार्ग को चौड़ा कर फोरलेन या सिक्सलेन एक्सप्रेसवे में बदला जाएगा।
इन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे का विस्तार बक्सर, कोईलवर, कन्हौली, रामनगर, कच्ची दरगाह-बख्तियारपुर, मोकामा, मुंगेर होते हुए भागलपुर तक किया जाएगा। इस परियोजना से न केवल गंगा के दक्षिणी इलाकों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि पूर्वी बिहार को राजधानी पटना और यूपी से भी सुगम और तेज़ संपर्क मिलेगा।
औद्योगिक और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह एक्सप्रेसवे बिहार के औद्योगिक और कृषि क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। बक्सर से लेकर भागलपुर तक के जिलों में माल ढुलाई, कृषि उत्पादों का परिवहन, और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को नया बल मिलेगा।
जल्द शुरू हो सकता है भूमि अधिग्रहण का कार्य
डीपीआर के पूरा होते ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। सरकार की मंशा है कि अगले दो वर्षों में इस परियोजना का कार्य प्रारंभ हो जाए।


