G7 समिट में ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद और AI पर प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार संबोधन

FB IMG 1750263661407FB IMG 1750263661407

नई दिल्ली/कार्नी, 18 जून 2025 – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली के कार्नी में आयोजित G7 समिट के ऊर्जा सुरक्षा विषयक आउटरीच सेशन में विश्व नेताओं को संबोधित किया। अपने व्यापक भाषण में उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और ग्लोबल साउथ के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

प्रधानमंत्री ने G7 द्वारा भारत को आमंत्रित किए जाने और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी द्वारा किए गए स्वागत के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि G7 के पचास वर्ष पूर्ण होने का यह ऐतिहासिक क्षण वैश्विक सहयोग के नए संकल्प का अवसर है।

ऊर्जा सुरक्षा पर भारत की उपलब्धियां और प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,

“हम ऊर्जा सुरक्षा को सिर्फ प्राथमिकता नहीं, बल्कि अपने नागरिकों के प्रति ज़िम्मेदारी मानते हैं।”

भारत ने उपलब्धता, सुलभता, वहनीयता और स्वीकार्यता को ऊर्जा नीति के मूल सिद्धांत बनाते हुए लगभग सभी घरों को बिजली से जोड़ दिया है। भारत में प्रति यूनिट बिजली की लागत विश्व में सबसे कम है। उन्होंने बताया कि भारत Paris Climate Accord के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने में सफल रहा है और Net Zero 2070 के लक्ष्य की ओर तेज़ी से अग्रसर है।

भारत की कुल स्थापित विद्युत क्षमता में 50% हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा का है और 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य की दिशा में कार्य हो रहा है। उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन, न्यूक्लियर एनर्जी और एथेनॉल ब्लेंडिंग पर हो रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया।

भारत की प्रमुख वैश्विक पहलें — International Solar Alliance, Global Biofuels Alliance, मिशन LiFE, One Sun One World One Grid — का भी उन्होंने उल्लेख किया।

ग्लोबल साउथ और आतंकवाद के मुद्दे पर सीधा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि वैश्विक अस्थिरता का सबसे अधिक असर ग्लोबल साउथ पर होता है।

“तनाव चाहे विश्व के किसी भी कोने में हो, सबसे पहले खाद्य, ईंधन और वित्तीय संकट का भार ग्लोबल साउथ को उठाना पड़ता है।”

उन्होंने हाल ही में भारत में हुए 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हमला केवल एक स्थान नहीं, बल्कि “हर भारतीय की आत्मा और गरिमा पर आघात” था। उन्होंने दोहराया:

“आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। जो देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं से पूछा:

“क्या हम आतंकवाद को लेकर गंभीर हैं या नहीं? क्या जब वह हमारे घर के दरवाजे पर दस्तक देगा, तब ही हम जागेंगे?”

उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवता के खिलाफ खड़े आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम न उठाना, पूरे विश्व के साथ विश्वासघात होगा।

AI और टेक्नोलॉजी पर भारत का दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री मोदी ने AI को “innovation और efficiency” बढ़ाने का प्रभावी माध्यम बताया, लेकिन यह भी कहा कि:

“AI स्वयं में एक energy-intensive टेक्नोलॉजी है। इसका टिकाऊ समाधान केवल renewable energy है।”

भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों में स्मार्ट ग्रिड्स, ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर, और स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स का निर्माण शामिल है।

प्रधानमंत्री ने भारत में AI के लोकतंत्रीकरण की बात करते हुए उदाहरण दिया:

  • AI आधारित Weather Prediction App जो ग्रामीण किसानों को मदद करता है
  • ‘भाषिणी’ – एक भाषा ऐप जो ग्रामीण व्यक्ति को वैश्विक संवाद में जोड़ता है
  • Digital Public Infrastructure से आम नागरिकों को सशक्त बनाना

उन्होंने AI को Human-centric बनाए रखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और चेताया कि:

“Deep Fake समाज में अराजकता फैला सकता है, इसलिए AI-generated content पर water-marking या स्पष्ट घोषणा ज़रूरी है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने AI पर तीन मुख्य सुझाव दिए:

  1. Global AI Governance Framework बने
  2. Critical Minerals की supply chain सुरक्षित और लोकतांत्रिक रहे
  3. AI content पर पारदर्शिता आवश्यक हो

G7 और भारत के सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत G7 के साथ सभी विषयों पर संवाद और सहयोग जारी रखेगा। उन्होंने कहा:

“पिछली सदी में हमने ऊर्जा के लिए प्रतिस्पर्धा देखी, अब इस सदी में टेक्नोलॉजी के लिए सहयोग करना होगा।”

प्रधानमंत्री ने सभी देशों को 2026 में भारत में होने जा रही ‘AI Impact Summit’ में भाग लेने का आमंत्रण भी दिया।


 

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
whatsapp