पटना, 7 जून 2025:
बिहार सरकार ने प्रदेश के पठारी क्षेत्रों में मछली पालन को एक उद्यम के रूप में विकसित करने और ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए एक नई पहल शुरू की है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय द्वारा पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC) एवं अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लाभार्थियों के लिए तैयार की गई है।
योजना का उद्देश्य और कार्यान्वयन क्षेत्र
इस योजना का मुख्य उद्देश्य तालाब निर्माण एवं संबद्ध सहायक इकाइयों की स्थापना कर मत्स्य पालन को बढ़ावा देना और इसके माध्यम से रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। योजना का क्रियान्वयन दक्षिण बिहार के उन जिलों में किया जा रहा है जहां पठारी क्षेत्र अधिक हैं। इनमें बांका, औरंगाबाद, गया, कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर और रोहतास जैसे जिले शामिल हैं।
योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं
इस योजना के अंतर्गत:
- 1 एकड़ क्षेत्र में न्यूनतम 0.4 एकड़ जल क्षेत्र के लिए तालाब निर्माण पर पैकेज इकाई के तहत अनुदान उपलब्ध है।
- तालाब के साथ-साथ टयूबवेल, सोलर पंप, और अन्य जरूरी संरचनाओं का अधिष्ठापन कराया जाएगा।
- निर्मित तालाबों के लिए उन्नत इनपुट की सुविधा दी जाएगी।
- योजना के तहत रु. 16.70 लाख प्रति एकड़ जल क्षेत्र की लागत पर 80% तक अनुदान (सब्सिडी) दी जा रही है।
कैसे करें आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक लाभार्थी बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizeHome.html पर जाकर आवेदन की प्रक्रिया और पात्रता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है।
सरकार की दूरदर्शी पहल
राज्य सरकार की यह पहल मछली पालन को सिर्फ परंपरागत व्यवसाय तक सीमित रखने के बजाय, इसे आधुनिक उद्यमिता में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना न केवल जल संसाधनों के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण युवाओं और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाएगी।