पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच दानापुर विधानसभा क्षेत्र से राजद (RJD) प्रत्याशी और मौजूदा विधायक रीतलाल यादव के घर पर गुरुवार सुबह पुलिस ने छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को शिकायत मिली थी कि रीतलाल यादव के परिजनों द्वारा स्थानीय लोगों को धमकाकर राजद को वोट देने के लिए कहा गया।
रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू कुमारी ने आरोप लगाया कि,
“मेरे घर पर बड़ी संख्या में पुलिस आई और कहा कि हम लोग चुनाव प्रचार कर रहे हैं और धमकी देकर वोट मांग रहे हैं। उन्होंने मेरे बच्चों को भी डराया और कहा कि जेल भेज देंगे।”
दानापुर सीट पर इस बार RJD से रीतलाल यादव और भाजपा से पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव आमने-सामने हैं। यह सीट हमेशा से राजनीतिक रूप से बेहद चर्चित रही है।
मोकामा गोलीकांड पर सियासत तेज, तेजस्वी यादव का नीतीश सरकार पर हमला
इधर, मोकामा में हुई गोलीबारी और जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद बिहार की सियासत और भी गरमा गई है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों पर निशाना साधा।
तेजस्वी ने कहा,
“जब चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू है, तब कुछ लोग हथियार लेकर कैसे घूम रहे हैं?
प्रधानमंत्री 30 साल पुरानी बातें करते हैं, लेकिन 30 मिनट पहले बिहार में क्या हुआ, यह नहीं देखते।”
उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है और यह घटना बताती है कि प्रशासन निष्क्रिय हो गया है।
‘मुजरा बनाम नाच’ पर नया विवाद
इस बीच, राहुल गांधी के बयान को लेकर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने चुनाव आयोग में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
इस पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पलटवार करते हुए कहा,
“जिस पार्टी के प्रधानमंत्री सार्वजनिक मंचों से ‘मुजरा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं,
वही ‘नाच’ शब्द पर आपत्ति जता रहे हैं। बीजेपी मुद्दाविहीन पार्टी बन चुकी है।”
खेड़ा ने कहा कि भाजपा के पास न कोई विजन है, न कोई रोडमैप, इसलिए वह विरोधियों के शब्दों को मुद्दा बना रही है।
नीतीश कुमार आज समस्तीपुर में करेंगे जनसभा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज समस्तीपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। रैली से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर बिहार के विकास मॉडल को लेकर पोस्ट साझा की।
उन्होंने लिखा —
“साल 2005 से पहले बिहार में विकास कार्य ठप थे।नये भवनों का निर्माण नहीं होता था, पुराने भवनों का रखरखाव तक नहीं हो पाता था।
हमने राज्य को उस अंधेरे से निकालकर विकास के रास्ते पर लाया।”
सियासी माहौल में बढ़ी गर्मी
दानापुर से लेकर मोकामा तक की घटनाओं ने बिहार की राजनीति में तनाव और सस्पेंस दोनों बढ़ा दिए हैं।जहां एक ओर एनडीए विकास और सुशासन के मुद्दों पर चुनाव लड़ रहा है, वहीं महागठबंधन कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और अपराध को लेकर सरकार को घेरने में जुटा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दानापुर की पुलिस रेड और मोकामा गोलीकांड जैसे मुद्दे चुनावी माहौल को कितना प्रभावित करते हैं।


