स्वदेशी ‘गौसॉर्ट’ तकनीक से पूर्वी व उत्तर-पूर्वी भारत में डेयरी सेक्टर को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
पूर्णिया (बिहार), 16 सितंबर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के पूर्णिया स्थित सीमन स्टेशन में ₹10 करोड़ की लागत से बनी ‘Sex Sorted Semen’ सुविधा का उद्घाटन किया। यह सुविधा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत स्थापित की गई है, जिसे मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है।
नई सुविधा की क्षमता सालाना 5 लाख खुराक तैयार करने की है और यह पूर्वी व उत्तर-पूर्वी भारत के किसानों को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
स्वदेशी ‘गौसॉर्ट’ तकनीक का उपयोग
यह सुविधा ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के अनुरूप है। इसमें प्रधानमंत्री द्वारा 5 अक्टूबर 2024 को लॉन्च की गई स्वदेशी तकनीक ‘गौसॉर्ट’ का इस्तेमाल होगा।
इस तकनीक से किसानों को सस्ती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाली Sex Sorted Semen उपलब्ध होगी, जिससे डेयरी सेक्टर में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
पूर्णिया सीमन स्टेशन की खासियत
- पूर्णिया सीमन स्टेशन को ₹84.27 करोड़ की केंद्रीय सहायता से राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत स्थापित किया गया।
- यह देश के सरकारी क्षेत्र में सबसे बड़े सीमन स्टेशनों में से एक है।
- यह पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों का पहला सीमन स्टेशन है।
- वर्तमान में यह स्टेशन सालाना 50 लाख खुराक तैयार कर रहा है और क्षेत्र में डेयरी विकास की रीढ़ साबित हो रहा है।
किसानों को क्या लाभ होगा?
सीमन सेक्स-सॉर्टिंग तकनीक से मादा बछड़ों के जन्म की संभावना 90% तक बढ़ जाती है।
- इससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम होगा।
- अधिक मादा बछड़े यानी अधिक दूध उत्पादन व अधिक आय।
- छोटे और सीमांत किसान तथा भूमिहीन मज़दूर सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
इस सुविधा की शुरुआत से उम्मीद है कि पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत का डेयरी सेक्टर नई ऊँचाइयाँ छुएगा और किसानों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।


