
पटना, 18 जून 2025 – बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और गन्ना सर्वेक्षण कार्य को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस दिशा में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी अधिकारियों तथा मिल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
गन्ना उद्योग विभाग द्वारा मंगलवार को विकास भवन स्थित कार्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता मंत्री ने स्वयं की। इस बैठक में गन्ना मूल्य भुगतान की वर्तमान स्थिति, सर्वेक्षण की प्रगति, विभागीय योजनाओं, चीनी मिलों के विकास, अनुसंधान और नवाचार के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि अब तक 99.80 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किया जा चुका है। शेष भुगतान को जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।
योजनाओं की समीक्षा और प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर
बैठक में मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना, गन्ना यंत्रीकरण योजना, और बिहार गुड़ प्रोत्साहन योजना जैसे कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने इनके प्रभावी क्रियान्वयन पर बल देते हुए किसानों तक लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।
अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
विभागीय सचिव कार्तिकेय धनजी ने बैठक में कहा कि गन्ना आधारित उद्योगों को सशक्त बनाने के लिए टिशू कल्चर लैब जैसे आधुनिक प्रयोगों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि विभाग जल्द ही मिलों और किसानों को सहयोग देने के लिए नई प्रोत्साहन योजनाएं लागू करने की तैयारी कर रहा है।
सीएसआर में सक्रिय योगदान की अपील
मंत्री पासवान ने मिल प्रबंधन से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत स्थानीय क्षेत्रों के विकास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि उद्योग और समाज के बीच बेहतर समन्वय भी स्थापित होगा।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
इस बैठक में गन्ना आयुक्त अनिल कुमार झा, संयुक्त गन्ना आयुक्त जेपीएन सिंह, विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, राज्य की सभी चीनी मिलों के प्रतिनिधि और उत्तर प्रदेश में क्रय केंद्र संचालित करने वाली मिलों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बिहार सरकार का यह प्रयास गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिरता, गन्ना उद्योग में पारदर्शिता, और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। यदि इन निर्देशों का सख्ती से पालन किया गया, तो राज्य का गन्ना उद्योग नई ऊंचाइयों को छू सकता है।