पटना, 05 अक्टूबर 2025: वन्यप्राणी सप्ताह 2025 के तीसरे दिन शनिवार को संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में घड़ियाल संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार वन विभाग और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) के बीच घड़ियाल संरक्षण और संवर्धन पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, श्री अभय कुमार के स्वागत संबोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक नया उदाहरण प्रस्तुत करने की दिशा में अग्रसर है।
प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर ने अपने संबोधन में बताया कि संजय गांधी जैविक उद्यान घड़ियाल संरक्षण में देश और दुनिया में दूसरे स्थान पर है और विभाग इसे शीर्ष पर लाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक श्री अभय कुमार ने बताया कि बेतिया में इनक्यूबेशन सेंटर एवं इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में गंडक नदी में केवल 50 से भी कम घड़ियाल थे, लेकिन पटना जू से 30 घड़ियालों के पुनर्वास के बाद आज उनकी संख्या 372 से अधिक हो चुकी है। इस MoU के तहत इनक्यूबेशन एवं कंजर्वेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जो घड़ियाल संरक्षण को नई दिशा देंगे।
WTI के निदेशक एवं चीफ इकोलॉजिस्ट डॉ. समीर सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि गंडक नदी अब चंबल के बाद घड़ियाल संरक्षण के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है, जो बिहार के लिए गर्व की बात है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्री पी.के. गुप्ता ने बताया कि जल्द ही जू की नेचर लाइब्रेरी में स्व. एस.पी. शाही की किताब रखी जाएगी, जिसमें घड़ियाल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि गंडक के अलावा कोसी, महानंदा और सोन नदी में भी संरक्षण की अपार संभावनाएँ हैं और लक्ष्य है कि बिहार गंडक नदी को देश में प्रथम स्थान दिलाए।
जू निदेशक श्री हेमंत पाटिल ने धन्यवाद ज्ञापन में बताया कि प्रत्येक वर्ष पटना जू में औसतन 80-85 घड़ियाल शिशु जन्म लेते हैं, जबकि वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 91 हो गई है। यह आंकड़ा बिहार की घड़ियाल संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
समारोह में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैंपा) श्री सुरेंद्र सिंह, CCF (IT) श्री एस. चंद्रशेखर, CCF संयुक्त वन प्रबंधक एस. कुमारसामी, डॉ. समीर सिन्हा (WTI), श्री जोस लुईस (CEO, WTI) सहित कई अन्य अधिकारी शामिल थे।
इस कार्यक्रम के माध्यम से बिहार सरकार ने यह संदेश दिया कि वन्यजीव संरक्षण और विशेषकर घड़ियाल संरक्षण में राज्य की प्रतिबद्धता लगातार मजबूत हो रही है, और आने वाले समय में इसे और व्यापक बनाया जाएगा।


