पटना, 19 अगस्त 2025: माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त, 2025 को औंटा (मोकामा) – सिमरिया (बेगूसराय) परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस परियोजना में गंगा नदी पर 1.865 किलोमीटर लंबा 6-लेन पुल शामिल है, जो पटना जिले के मोकामा और बेगूसराय के बीच सीधा संपर्क सुनिश्चित करेगा।
पुराना राजेंद्र सेतु और नए पुल का महत्व:
यह नया पुल पुराने 2-लेन रेल-सह-सड़क पुल “राजेंद्र सेतु” के समानांतर बनाया गया है। लगभग सात दशक पुराना राजेंद्र सेतु वर्तमान में मरम्मताधीन है, जिसके कारण भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित है। भारी वाहन अब लंबा चक्कर लगाकर यात्रा करते थे। नए पुल के खुलने से भारी वाहनों के लिए यात्रा दूरी लगभग 100 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे समय, ईंधन और वाहन संचालन लागत में बड़ी बचत होगी।
भारी वाहनों और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए लाभ:
- उत्तर बिहार के बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, अररिया आदि जिलों और
- दक्षिण बिहार के पटना, शेखपुरा, नवादा, लखीसराय आदि जिलों के बीच यात्रा
के लिए यह पुल यात्रा को तेज़ और सुविधाजनक बनाएगा।
सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व:
यह पुल सिमरिया धाम तक बेहतर संपर्क सुनिश्चित करेगा, जो प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय श्री रामधारी सिंह दिनकर का जन्मस्थान भी है। इस पुल से न केवल आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी।
परियोजना की पृष्ठभूमि:
इस परियोजना की आधारशिला स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। यह पुल बिहार में कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की परिवर्तनकारी पहल का प्रतीक है। यह इंजीनियरिंग के नवाचार, लचीलापन और बुनियादी ढांचे की शक्ति का उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह 6-लेन गंगा पुल न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभकारी साबित होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास, यात्रा की सुविधा और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।


