पटना, बिहार: बिहार की राजधानी पटना ने सोमवार को अपने विकास सफर में एक नया ऐतिहासिक अध्याय जोड़ लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की पहली मेट्रो सेवा का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री और उनके साथ मौजूद दल ने पहली यात्रा पाटलिपुत्र आईएसबीटी से भूतनाथ स्टेशन तक की। उद्घाटन समारोह पाटलिपुत्र आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन पर आयोजित किया गया।
तीन स्टेशनों पर शुरू हुआ परिचालन
फिलहाल मेट्रो सेवा का संचालन तीन स्टेशनों – पाटलिपुत्र आईएसबीटी, जीरो माइल और भूतनाथ तक शुरू किया गया है। यह राजधानी का पहला परिचालन खंड है, जो शहर के पूर्वी हिस्सों को जोड़ेगा।
- किराया: पाटलिपुत्र आईएसबीटी से जीरो माइल तक ₹15
- भूतनाथ रोड तक ₹30
शुरुआत में मेट्रो सीमित समय के लिए चलाई जाएगी, जिसे यात्रियों की मांग के अनुसार धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
पहले दिन यात्रियों में दिखा उत्साह
मेट्रो सेवा के पहले दिन सैकड़ों यात्रियों ने यात्रा की और इसे ऐतिहासिक पल बताया। यात्रियों ने कहा कि यह पटना के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।
एक यात्री ने कहा, “अब बस स्टैंड या स्टेशन जाने के लिए ट्रैफिक में घंटों फंसे रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
दूसरे यात्री ने कहा, “मेट्रो से ट्रैफिक जाम और धूल-धकड़ की समस्या से राहत मिलेगी। यह सुरक्षित और सस्ता परिवहन साधन है।”
डीपीआरओ ने कहा – ‘पटना के लिए गर्व का दिन’
पटना के डीपीआरओ लोकेश कुमार ने भी मेट्रो में यात्रा करते हुए इसे एक “इको-फ्रेंडली और आधुनिक तकनीक पर आधारित परिवहन व्यवस्था” बताया। उन्होंने कहा कि यह सेवा प्रदूषण और ट्रैफिक जाम दोनों समस्याओं को कम करने में मदद करेगी।
सरकार ने मरीन ड्राइव, फोरलेन सड़कें और अब मेट्रो जैसी परियोजनाओं से पटना के यातायात ढांचे में बड़ा बदलाव लाने का काम किया है।
मेट्रो में दिखी बिहार की संस्कृति
पटना मेट्रो की बोगियों में बिहार की संस्कृति की झलक भी नजर आती है। हर बोगी पर गोलघर, महावीर मंदिर, मधुबनी पेंटिंग और भगवान महावीर की कलात्मक झलकियां अंकित की गई हैं।
तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन में लगभग 900 यात्रियों के बैठने और खड़े होने की व्यवस्था है। अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है ताकि सुरक्षा और सुविधा दोनों सुनिश्चित रहें।
कॉरिडोर वन: भूमिगत टनल और छह स्टेशन
पटना मेट्रो परियोजना का पहला चरण कॉरिडोर वन है, जो पटना जंक्शन से रुकनपुरा और मीठापुर तक फैला है।
- कुल लंबाई: 9.35 किलोमीटर
- लागत: ₹2565.80 करोड़
- स्टेशन: 6 भूमिगत स्टेशन
निर्माण एजेंसी को यह कार्य 42 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।
दो चरणों में पूरा होगा निर्माण कार्य
कॉरिडोर वन को दो हिस्सों में बांटा गया है:
- पहला भाग: रुकनपुरा, राजा बाजार, चिड़ियाघर स्टेशन। (लागत ₹1147.50 करोड़)
- दूसरा भाग: विकास भवन, विद्युत भवन, पटना जंक्शन स्टेशन। (लागत ₹1418.30 करोड़)
दोनों हिस्सों के पूरा होने के बाद राजधानी के मुख्य इलाकों को आपस में जोड़ने वाला सशक्त मेट्रो नेटवर्क तैयार हो जाएगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस मेट्रो स्टेशन
पटना मेट्रो के हर स्टेशन को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है।
- एस्केलेटर, लिफ्ट और स्मार्ट टिकटिंग सिस्टम
- दिव्यांगों के लिए विशेष टिकट काउंटर और रैंप
- सुरक्षा के लिए सीसीटीवी, पैनिक बटन, इंटरकॉम और अलार्म सिस्टम
- मोबाइल ऐप और स्मार्ट कार्ड के जरिए टिकट बुकिंग की सुविधा
पर्यावरण और ट्रैफिक को मिलेगी राहत
नगर विकास विभाग के अनुसार, मेट्रो सेवा से पटना में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण दोनों की समस्या में कमी आएगी।
पाटलिपुत्र आईएसबीटी, कंकड़बाग और भूतनाथ रोड जैसे व्यस्त इलाकों में यातायात सुगम होगा। आने वाले वर्षों में शहर के बाकी हिस्सों में भी मेट्रो कॉरिडोर शुरू करने की योजना है।
आम जनता के लिए मंगलवार से खुलेगी मेट्रो सेवा
सरकार के अनुसार, मेट्रो सेवा मंगलवार से आम नागरिकों के लिए शुरू की जाएगी। शुरुआती दिनों में इसे ट्रायल आधार पर सीमित समय के लिए संचालित किया जाएगा ताकि सभी तकनीकी और परिचालन पहलुओं की जांच की जा सके।


