
पटना/सहरसा, 12 जुलाई 2025।निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सहरसा जिले के पतरघट अंचल कार्यालय से अंचलाधिकारी (सीओ) राकेश कुमार और उनके कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल कुमार को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
निगरानी ब्यूरो के डीएसपी विंध्याचल प्रसाद ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई एक स्पष्ट और सुनियोजित योजना के तहत की गई, जिसमें शिकायतकर्ता कैलाश यादव, निवासी सहरसा, की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सत्यापन के बाद कार्रवाई की गई।
क्या है पूरा मामला
परिवादी कैलाश यादव ने अपनी बहन द्रोपदी देवी के नाम 61.98 डिसमिल जमीन का दाखिल-खारिज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इसके बाद उन्होंने पतरघट के सीओ राकेश कुमार से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया। आरोप है कि सीओ ने दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के एवज में 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की और पैसे कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल कुमार को देने को कहा।
निगरानी ब्यूरो ने बिछाया जाल
परेशान होकर कैलाश यादव ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना में लिखित शिकायत दी। डीएसपी विंध्याचल प्रसाद के निर्देश पर सहायक निरीक्षक मनिकांत सिंह ने पूरे मामले का सत्यापन किया। शिकायत सही पाए जाने के बाद निगरानी टीम ने जाल बिछाया।
11 जुलाई को निगरानी की टीम ने सहरसा जिले के पतरघट अंचल कार्यालय में छापा मारा और दोनों अधिकारियों को घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद की कार्रवाई
सीओ राकेश कुमार, जो मुंगेर के रहने वाले हैं, और कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल कुमार, जो मधेपुरा निवासी हैं, को गिरफ्तार कर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पटना मुख्यालय लाया गया है। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
प्रशासन में हड़कंप
इस कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। निगरानी ब्यूरो की यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार और एजेंसियां कठोर रुख अपना चुकी हैं।