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पटना, 28 मई 2025: राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण एक बार फिर चिंता का कारण बनता जा रहा है। मंगलवार, 27 मई को जिले में छह नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है, जिसके बाद पटना में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि AIIMS पटना की एक महिला डॉक्टर, एक नर्स और एक अन्य स्टाफ सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

एनएमसीएच और अन्य स्थानों पर भी मिले संक्रमित

AIIMS के अलावा एनएमसीएच (NMCH) में भी दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये सभी मरीज सर्दी, खांसी और बुखार जैसे सामान्य लक्षणों के बाद अस्पताल पहुंचे थे, जहां जांच के बाद संक्रमण की पुष्टि हुई।

वहीं, आरपीएस मोड़ पर रहने वाले 42 वर्षीय एक व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि संक्रमण अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन की ओर बढ़ रहा है।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में

बिहार स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्यभर के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि संक्रमितों में से किसी की भी हाल में कोई यात्रा इतिहास नहीं है। यह संकेत है कि संक्रमण स्थानीय स्तर पर ही फैल रहा है। हालांकि, किसी भी संक्रमित में अभी तक गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं।

“बिहार सरकार सतर्क है और जल्द ही RT-PCR पॉजिटिव सैंपलों की जीनोमिक सीक्वेंसिंग कर नए वैरिएंट की पुष्टि की जाएगी,” – डॉ. अविनाश कुमार

IGIMS ने कोरोना मरीजों के लिए किए विशेष इंतजाम

IGIMS पटना के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष निर्देश मिले हैं। अस्पताल में:

  • 12 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और
  • 3 आईसीयू बेड
    कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा मरीज अब गले में खराश या खांसी के बजाय, तेज सिरदर्द, बदन दर्द, अत्यधिक कमजोरी, और ऑक्सीजन लेवल में गिरावट जैसी शिकायतें लेकर आ रहे हैं। इससे यह संकेत मिल रहा है कि संभवतः कोई नया वैरिएंट सक्रिय हो सकता है।

नए लक्षणों से सावधान रहने की जरूरत

विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना के इस दौर में लक्षणों का स्वरूप बदल गया है। पारंपरिक लक्षणों की जगह अब नए लक्षणों के साथ मरीज सामने आ रहे हैं:

  • तेज सिरदर्द
  • पूरे शरीर में दर्द
  • थकावट और कमजोरी
  • ऑक्सीजन स्तर में गिरावट

क्या है आगे की रणनीति?

राज्य सरकार ने सभी जिलों के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को सतर्क कर दिया है। RT-PCR टेस्टिंग को बढ़ाया जा रहा है और जल्द ही सभी पॉजिटिव केस की जीनोमिक जांच की जाएगी ताकि किसी नए स्ट्रेन की पहचान की जा सके।