8 दिसंबर 2025 का पंचांग: चतुर्थी तिथि, पुष्य नक्षत्र और ब्रह्म योग के साथ शुभ सोमवार

सोमवार का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि आज पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रभाव शाम चार बजकर चार मिनट तक रहेगा। इसके बाद पंचमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। शुभ योगों और विशेष ग्रह स्थितियों के कारण यह दिन जप, ध्यान, खरीदारी तथा नए कार्य आरंभ करने के लिए अत्यंत अनुकूल माना जा रहा है।

आज के पंचांग के अनुसार विक्रमी संवत् 2082 के मार्गशीर्ष मास की 23वीं प्रविष्टि है। राष्ट्रीय शक संवत् 1947 की 17वीं तिथि और हिजरी वर्ष 1447 के जमादि-उल-सानी महीने की 17 तारीख है। धार्मिक गणनाओं के अनुसार यह दिन कई महत्वपूर्ण संयोजनों को अपने साथ लिए हुए है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

जालंधर के अनुसार आज सूर्योदय प्रात: 7 बजकर 18 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 21 मिनट पर होगा। इसी समय के आधार पर दिनभर के मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल का निर्धारण किया गया है।

नक्षत्र और योग

आज का दिन विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पूरी रात 2 बजकर 53 मिनट तक पुष्य नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए इस अवधि में की गई खरीदारी या नए कार्यों की शुरुआत लंबे समय तक सुखद परिणाम देती है।

पुष्य नक्षत्र के उपरांत आश्लेषा नक्षत्र आरंभ होगा। इसी प्रकार ब्रह्म योग शाम पांच बजकर दो मिनट तक प्रभावी रहेगा और उसके बाद ऐन्द्र योग प्रारंभ होगा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार ये दोनों योग आध्यात्मिक उन्नति और नये कार्यों की सफलता के लिए उत्तम माने जाते हैं।

चंद्रमा की स्थिति

चंद्रमा पूरे दिन और रात कर्क राशि में गोचर करेगा। इस स्थिति में मन भावुकता और संवेदनशीलता की ओर झुकता है। रात 2 बजकर 53 मिनट के बाद जन्म लेने वाले बच्चों को आश्लेषा नक्षत्र की पूजा करनी पड़ती है, क्योंकि उनका जन्म उसी नक्षत्र में माना जाएगा।

दिशा शूल और राहुकाल

आज का दिशा शूल पूर्व तथा ईशान दिशा में माना गया है, इसलिए इन दिशाओं में यात्रा टालना लाभदायक रहेगा।
आज का राहुकाल प्रात: 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक रहेगा। इस दौरान महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत करने से बचने की सलाह दी जाती है।

ग्रहों की चाल: आज की ज्योतिषीय स्थिति

आज का ग्रह-गोचर कई महत्वपूर्ण ज्योतिषीय प्रभाव लेकर आया है। ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है:

  • सूर्य: वृश्चिक राशि में
  • चंद्रमा: कर्क राशि में
  • मंगल: धनु राशि में
  • बुध: वृश्चिक राशि में
  • गुरु: मिथुन राशि में
  • शुक्र: वृश्चिक राशि में
  • शनि: मीन राशि में
  • राहु: कुंभ राशि में
  • केतु: सिंह राशि में

ये ग्रह स्थितियां व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य और आर्थिक मामलों पर विशेष प्रभाव डालेंगी। चंद्रमा की कर्क राशि में उपस्थिति मानसिक शांति बढ़ाती है, वहीं सूर्य और बुध का वृश्चिक में होना गहन निर्णय क्षमता को मजबूत करता है।

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