आज 4 दिसंबर 2025, गुरुवार है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि सुबह 8 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो आज ही क्षय मानी गई है। इस कारण पूर्णिमा स्नान-दान का विशेष महत्व चतुर्दशी के उपरांत माना गया है।
आज का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि शिव योग, कृत्तिका नक्षत्र, दत्तात्रेय जयंती और सत्य नारायण व्रत जैसे कई शुभ संयोग बन रहे हैं।
आज का विस्तारपूर्वक पंचांग (4 दिसंबर 2025, गुरुवार)
तिथि
- चतुर्दशी: प्रातः 8:38 बजे तक
- तदोपरांत पूर्णिमा (क्षय तिथि)
विक्रम संवत: 2082
राष्ट्रीय शक संवत: 1947
तिथि अनुसार मास: मार्गशीर्ष, दिनांक 13
हिजरी कैलेंडर: वर्ष 1447, माह जमादि-उल-आखिर, तारीख 13
सूर्योदय और सूर्यास्त
- सूर्योदय: प्रातः 7:15 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:21 बजे
(समय: जालंधर क्षेत्रानुसार)
नक्षत्र
- कृत्तिका नक्षत्र: दोपहर 2:54 बजे तक
- तदोपरांत रोहिणी नक्षत्र
योग
- शिव योग: दोपहर 12:34 बजे तक
- तदोपरांत सिद्ध योग
चन्द्रमा की स्थिति
- चन्द्रमा आज पूरे दिन वृष राशि में संचरित रहेगा।
भद्रा
- भद्रा काल: प्रातः 8:42 से सायं 6:41 बजे तक
दिशा शूल
- आज दक्षिण एवं आग्नेय दिशा यात्रा के लिए अशुभ मानी गई है।
- आवश्यक हो तो दही या गुड़ खाकर यात्रा कर सकते हैं।
राहुकाल
- दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक
(इस समय नए और महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए)
आज के पर्व एवं व्रत
आज कई महत्वपूर्ण पर्व और व्रत पड़ रहे हैं—
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्नान-दान
- श्री सत्य नारायण व्रत
- त्रिपुर भैरव जयंती
- श्री दत्तात्रेय जयंती
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, आज के योग और नक्षत्र के संयोग से पूजा, दान, व्रत, जप-तप तथा धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व है। इससे किए गए कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं।
आज के ग्रहों की स्थिति
आज ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति इस प्रकार है—
- सूर्य – वृश्चिक
- चन्द्रमा – वृष
- मंगल – वृश्चिक
- बुध – तुला
- गुरु – कर्क
- शुक्र – वृश्चिक
- शनि – मीन
- राहु – कुंभ
- केतु – सिंह
ग्रहों की यह स्थिति आज के दिन को आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष बनाती है।






