अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग द्वारा नाथनगर स्थित बुनियाद केंद्र में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चित्रकला और गायन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
प्रतियोगिताओं में दिव्यांग बच्चों ने दिखाया हुनर
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
दृष्टिबाधित श्रेणी — गायन प्रतियोगिता परिणाम
- प्रथम स्थान — अभिषेक कुमार
- द्वितीय स्थान — गोविंद कुमार
- तृतीय स्थान — संतोष कुमार
तीनों प्रतिभागियों ने अपनी आवाज़ और प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया।
मूक-बधिर श्रेणी — चित्रकला प्रतियोगिता परिणाम
- प्रथम स्थान — अभिजीत कुमार
- द्वितीय स्थान — अमित कुमार
- तृतीय स्थान — दिव्यांशु कुमार
इन बच्चों ने अपनी कल्पनाशक्ति, रंगों के प्रयोग और सृजनात्मकता से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया।
स्वयंसेवी संस्थाओं और समाजसेवियों को भी मिला सम्मान
कार्यक्रम के दौरान न केवल दिव्यांग बच्चों को, बल्कि—
- दिव्यांगता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं,
- समाजसेवियों,
- तथा बुनियाद केंद्र, भागलपुर सदर के कर्मियों
को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
यह कदम दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहे लोगों के प्रयासों को प्रोत्साहित करता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक निदेशक अगम श्रीवास्तव ने की
जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के सहायक निदेशक अगम श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उन्होंने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा—
“सरकार दिव्यांग जनों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएँ चला रही है। जरूरत है कि लोग इन योजनाओं की जानकारी लें और उनका लाभ उठाएँ।”
उन्होंने बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सहायता उपकरण और कौशल विकास से संबंधित महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी।
कार्यक्रम में कई अधिकारी और प्रतिनिधि रहे मौजूद
इस अवसर पर—
- रवि कुमार अभिषेक (रेड क्रॉस सोसाइटी प्रतिनिधि)
- सक्षम इकाई के जिला प्रबंधक तनवीर आलम
- बुनियाद केंद्र, नाथनगर के कर्मचारी
सहित अन्य कई कर्मी और अभिभावक उपस्थित रहे।
दिव्यांगजन दिवस ने दिया एकता और संवेदनशीलता का संदेश
कार्यक्रम ने न केवल दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा को मंच दिया, बल्कि समाज से यह भी संदेश दिया कि हर व्यक्ति में एक विशिष्ट क्षमता होती है, जिसे पहचानकर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इस आयोजन ने बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाया और उनके अभिभावकों को भी गर्व का एहसास कराया।






