भुवनेश्वर। भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के वार्षिक संरक्षण अभियान ‘ऑपरेशन ओलिविया’ ने इस वर्ष समुद्री जीवन रक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है। फरवरी 2025 में ओडिशा के रुशिकुल्या नदीमुख क्षेत्र में 6.98 लाख ऑलिव रिडले समुद्री कछुओं की रक्षा कर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया।
गहिरमाथा तट बना वैश्विक संरक्षण का उदाहरण
हर साल नवंबर से मई के बीच चलाए जाने वाले इस अभियान का मुख्य उद्देश्य, गहिरमाथा समुद्र तट और आस-पास के क्षेत्रों में इन संकटग्रस्त कछुओं के लिए सुरक्षित नेस्टिंग वातावरण सुनिश्चित करना है। इस तट को ऑलिव रिडले प्रजाति के लिए विश्व के सबसे बड़े नेस्टिंग ग्राउंड्स में से एक माना जाता है।
गहन निगरानी और सख्त कार्रवाई
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 5,387 सतही गश्त अभियान और 1,768 हवाई निगरानी मिशन पूरे किए गए हैं। अभियान के दौरान 366 नावों को हिरासत में लिया गया जो अवैध मछली पकड़ने में संलिप्त थीं। इस सतर्कता से समुद्री जीवों की रक्षा को मजबूती मिली है।
समुदाय और तकनीक का समन्वय
ICG ने स्थानीय मछुआरा समुदायों को भी अभियान से जोड़ा है। उन्हें ‘टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस’ (TED) के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया, जिससे कछुए मछली पकड़ने के दौरान जाल में फंसने से बच सकें। साथ ही, NGO के साथ साझेदारी कर समुद्री संरक्षण पर जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं।
ICG का संदेश: संरक्षण से ही संतुलन संभव
ICG ने इस अभियान को समुद्री जैव विविधता की रक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर बताया है। तटरक्षक बल का मानना है कि समन्वित और सतत प्रयासों से समुद्री जीवन के संरक्षण को मजबूत बनाया जा सकता है।
ऑपरेशन ओलिविया न केवल समुद्री जीवन को बचाने का अभियान है, बल्कि यह प्राकृतिक और मानवीय सहयोग का उदाहरण भी है। ऐसे प्रयासों से ही संतुलित समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और संकटग्रस्त प्रजातियों का भविष्य सुरक्षित रह सकता है।