दशहरा के दिन जरूर कर लें 1 पेड़ की पूजा, घर में बरसेगा सोना! होगी दिन-रात तरक्की

ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे पौधों के बारे में बताया गया है जिनका संबंध किसी ना किसी ग्रह से जरूर है। ऐसा ही एक पेड़ा है शमी का, जो कि शनि ग्रह से संबंध रखता है। ज्योतिष शास्त्र में शमी के पेड़ से जुड़े खास नियम भी बताए गए हैं। इसके अलावा हिंदू धर्म में शमी पेड़ का खास महत्व है। मान्यता है कि शमी पेड़ की पूजा करने के शनि दोष शांत होते हैं। यही वजह है कि जिनकी कुंडली में शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रकोप रहता है, उन्हें शमी की पूजा करने और उसके नीचे दीपक जलाने के लिए कहा जाता है।

विजयादशी पर क्या है शमी का महत्व?

इस बार दशहरा 24 अक्टूबर को है और इस दिन शमी पूजन करने की भी परंपरा है। कहते हैं कि त्रेता युग में इसी तिथि पर श्रीराम ने रावण का वध किया था। मान्यता है कि श्रीराम ने रावण वध के बाद शमी वृक्ष का पूजन किया था। इसी वजह से आज भी दशहरे पर इस पेड़ की पूजा की जाती है। इस पेड़ को सुबह जल चढ़ाएं, हार-फूल अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं और धूप-दीप जलाएं। परिक्रमा करें। इस तरह शमी की सामान्य पूजा की जा सकती है। विजयादशमी के दिन प्रदोषकाल में शमी वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।

दशहरा के शमी के जुड़ी कथा

विजयादशमी और शमी के वृक्ष की कथा का वर्णन शास्त्रों में मिलता है। एक कथा के अनुसार, महर्षि वर्तन्तु के शिष्य कौत्स थे। महर्षि वर्तन्तु ने कौत्स से शिक्षा पूरी होने के बाद गुरु दक्षिणा के रूप में 14 करोड़ स्वर्ण मुद्राएं मांगी थीं। गुरु दक्षिणा देने के लिए कौत्स महाराज रघु के पास जाकर उनसे स्वर्ण मुद्राएं मांगते हैं। लेकिन राजा का खजाना खाली होने के कारण राजा ने उनसे तीन दिन का समय मांगा। राजा ने स्वर्ण मुद्राओं के लिए कई उपाय ढूंढने लगे। उन्होंने कुबेर से भी सहायता मांगी लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया।

इस तरह हुई स्वर्ण मुद्राओं की वर्षा

राजा रघु ने तब स्वर्ग लोक पर आक्रमण करने का विचार किया। राजा के इस विचार से देवराज इंद्र घबरा गए और कुबेर से राजा स्वर्ण मुद्राएं देने के लिए कहा। इंद्र के आदेश पर कुबेर ने राजा के यहां मौजूद शमी वृक्ष के पत्तों को स्वर्ण में बदल दिया। माना जाता है कि जिस तिथि को शमी वृक्ष से स्वर्ण की मुद्राएं गिरने लगी थीं, उस दिन विजयादशमी का पर्व था। इस घटना के बाद दशहरे के दिन शमी वृक्ष की पूजा की जाने लगी।

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें
  • Related Posts

    आज का पंचांग: 5 दिसम्बर 2025, शुक्रवार — पौष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, जानें तिथि, नक्षत्र, योग, राहूकाल और ग्रहों की स्थिति
    • Luv KushLuv Kush
    • दिसम्बर 5, 2025

    Share आज शुक्रवार को पौष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जो रात 12 बजकर 56 मिनट तक बनी रहेगी। इसके बाद तिथि द्वितीया आरंभ होगी। आज का दिन धार्मिक…

    Continue reading
    आज का राशिफल: पौष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, गुरु होंगे वक्री — जानें कैसी रहेगी 12 राशियों की भविष्यवाणी
    • Luv KushLuv Kush
    • दिसम्बर 5, 2025

    Share आज पौष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जो रात 12 बजकर 56 मिनट तक बनी रहेगी। शुक्रवार के इस दिन की शुरुआत सिद्ध योग से हुई, जो सुबह…

    Continue reading

    प्रातिक्रिया दे

    आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *