अब पुलिसकर्मी वेबसाइट से किए जाएंगे तलब, समय पर गवाही नहीं देने पर वेतन पर लगेगा ब्रेक: डीजीपी

Vinay Kumar IPS dgpVinay Kumar IPS dgp

पटना, 18 जून 2025 – बिहार में आपराधिक मुकदमों की त्वरित सुनवाई में बाधा बन रही गवाही की समस्या पर अब सख्ती से नकेल कसी जाएगी। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने स्पष्ट किया है कि अब पुलिसकर्मियों को गवाही के लिए वेबसाइट के माध्यम से कोर्ट में तलब किया जाएगा। समय पर गवाही नहीं देने वालों का वेतन रोका जाएगा।

वेबसाइट से जारी होगा समन

डीजीपी ने बताया कि जल्द ही एक विशेष वेबसाइट लॉन्च की जाएगी, जिसके माध्यम से आपराधिक मामलों में गवाह बनाए गए पुलिसकर्मियों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा जाएगा। यह व्यवस्था उन पुलिसकर्मियों पर भी लागू होगी जिनका स्थानांतरण किसी अन्य जिले में हो गया है, या जो सेवानिवृत्त अथवा बीमार हैं।

गैर-हाजिर रहने पर कटेगा वेतन

डीजीपी विनय कुमार ने स्पष्ट किया कि केस की सुनवाई के दौरान यदि कोई पुलिसकर्मी या अधिकारी गवाही के लिए समय पर कोर्ट में पेश नहीं होता, तो उसका वेतन बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल के मामलों में गवाही के अभाव में न्याय में देरी हो रही है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सरकारी गवाहों को दी जाएंगी सुविधाएं

वेबसाइट के माध्यम से तलब किए गए सेवानिवृत्त या अस्वस्थ पुलिसकर्मियों को कोर्ट लाने के लिए वाहन और अन्य आवश्यक सुविधाएं बिहार पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी। डीजीपी ने यह भी जोड़ा कि सरकारी गवाहों को कोर्ट तक पहुंचाना पुलिस की जिम्मेदारी होगी।

त्वरित न्याय सबका अधिकार

डीजीपी ने कहा कि त्वरित न्याय केवल पीड़ित पक्ष का ही नहीं, बल्कि अभियुक्त बनाए गए व्यक्ति का भी मौलिक अधिकार है। यदि कोई अभियुक्त निर्दोष है तो कोर्ट उसे बरी कर देगी, और यदि दोषी पाया गया तो सजा मिलेगी। उन्होंने बताया कि हाल के समय में पुलिस की सक्रियता से कोर्ट में पेश होने वाले निजी गवाहों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है।

100 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव

बिहार पुलिस ने राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव भी भेजा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 से 2011 तक बिहार में कुल 178 फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत थे, लेकिन 2011 के बाद ये सभी बंद कर दिए गए थे।

बिहार पुलिस की यह नई पहल न्यायिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है। गवाहों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित कर स्पीडी ट्रायल को प्रभावी बनाना राज्य में न्याय व्यवस्था को मजबूत करेगा।


 

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