पटना, 23 जून 2025:महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के स्वप्न को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य में 2600 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण का कार्य भवन निर्माण विभाग द्वारा प्रारंभ किया गया है। यह योजना पंचायत स्तर पर प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाने जा रही है।
भवन निर्माण विभाग के अनुसार, वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1187 और सामान्य क्षेत्रों में 1488 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष 400 भवनों के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
हर पंचायत में एक मिनी सचिवालय
बिहार की 8053 पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्रस्तावित है। यह भवन एक तरह से “मिनी सचिवालय” का स्वरूप धारण करेगा, जहां एक ही छत के नीचे ग्रामीणों को सभी आवश्यक सरकारी सेवाएं मिल सकेंगी।
ऐसा होगा पंचायत सरकार भवन का स्वरूप
- भवन दो मंजिला होगा, जिससे बाढ़ जैसी आपदाओं के समय कार्य संचालन में कोई व्यवधान न हो।
- सामान्य क्षेत्र में भवन का क्षेत्रफल 7202 वर्गफीट, जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 9538 वर्गफीट निर्धारित है।
- भवन में होंगे:
- निर्वाचित प्रतिनिधियों व पंचायत कर्मियों के लिए कार्यालय
- ग्राम कचहरी का न्यायालय कक्ष
- अभिलेख संरक्षण कक्ष और स्टोर
- स्थायी समितियों के लिए हॉल
- जनता स्वागत कक्ष
- आवासीय खंड, डाकघर, सेवा केंद्र इत्यादि।
विकास को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम: कुमार रवि
“फिलहाल 2600 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की योजना पर काम चल रहा है, जिनमें से 2000 पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह भवन पंचायत स्तर पर सचिवालय का कार्य करेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शासन-प्रशासन को और अधिक सक्षम, सुगम और जनोन्मुखी बनाया जा सकेगा।”
— कुमार रवि, सचिव, भवन निर्माण विभाग
गांवों को मिलेगी नई पहचान
नीतीश सरकार की यह योजना न केवल प्रशासनिक सुविधाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाएगी, बल्कि ग्रामीण बिहार को आधुनिक ढांचे से भी जोड़ेगी। इससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होंगी तथा गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना को व्यवहारिक रूप मिलेगा।