– रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जमालपुर में रखी वैगन पीओएच परियोजना की आधारशिला
– स्टेशन पुनर्विकास, वर्कशॉप और IRIMEE के उन्नयन में होंगे कुल 350 करोड़ के निवेश
– बिहार में 100% रेलवे विद्युतीकरण पूरा, विकास की रफ्तार 9 गुनी बढ़ी
पटना/जमालपुर, 23 मई 2025:बिहार में रेलवे के आधारभूत ढांचे को मजबूती देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जमालपुर लोकोमोटिव वर्कशॉप में वैगन पीओएच क्षमता वृद्धि परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित रहे।
रेलवे परियोजनाओं की समीक्षा और निरीक्षण
अपने बिहार दौरे के दौरान श्री वैष्णव ने पटना से जमालपुर तक विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। जमालपुर स्टेशन पर उन्होंने 30 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे पुनर्विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
78.96 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास
जमालपुर वर्कशॉप में रेल मंत्री ने 545 से बढ़ाकर 800 वैगन प्रति माह ओवरहालिंग क्षमता बढ़ाने की योजना की शुरुआत की। इस परियोजना से टर्नअराउंड टाइम में कमी, वैगन की उपलब्धता में वृद्धि और परिचालन सुधार संभव होगा।
प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट की नई पहल
रेल मंत्री ने IRIMEE जमालपुर में “Center of Excellence” पुस्तिका का विमोचन किया। 2026 से इस संस्थान में रेलवे अधिकारियों के साथ-साथ बाहरी अभ्यर्थियों को भी मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स विषयों में प्रशिक्षण मिलेगा।
रेल विकास में बिहार को मिली रफ्तार
रेल मंत्री ने बताया कि 2009-14 की तुलना में वर्तमान केंद्र सरकार के कार्यकाल में बिहार को 9 गुना अधिक रेलवे बजट मिला है – ₹1,132 करोड़ से बढ़ाकर ₹10,066 करोड़।
- औसतन नई रेल लाइन निर्माण: 64 किमी से बढ़कर 167 किमी
- औसतन विद्युतीकरण: 30 किमी से बढ़कर 275 किमी
- अब तक 1832 किमी नई लाइन और 3020 किमी ट्रैक का विद्युतीकरण पूरा
- 100% विद्युतीकरण हो चुका है
नेताओं की सराहना और समर्थन
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने सूक्ष्म दृष्टिकोण और समग्र विकास योजना की सराहना की। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने रेलवे के योगदान को बिहार के विकास में अहम बताया।
इस अवसर पर कई विधायकों, पूर्व मध्य और पूर्व रेलवे के महाप्रबंधकों तथा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।