राष्ट्रहित में ही निजहित समाहित : मोहन भागवत

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पटना, 11 जून 2025।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानना चाहिए, क्योंकि उसी में व्यक्तिगत हित भी सुरक्षित रहता है।

डॉ. भागवत मंगलवार को पटना के मरचा-मिरची स्थित केशव सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित संघ के कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वयंसेवकों के बीच सामूहिकता और व्यक्तिगत जीवन के संतुलन की अवधारणा को विस्तार से समझाया।

संघ कार्यकर्ताओं को दिए दिशा-निर्देश

अपने संबोधन में सरसंघचालक ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्वयंसेवकों को संघ कार्य की मूल भावना, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण में योगदान की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक का जीवन राष्ट्र सेवा को समर्पित होना चाहिए।

दो दिवसीय प्रवास पर हैं डॉ. भागवत

डॉ. भागवत बिहार के दो दिवसीय प्रवास पर मंगलवार सुबह पटना पहुंचे और सीधे प्रशिक्षण स्थल पहुंचे। उन्होंने वहां संघ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन के विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

बताया गया कि डॉ. भागवत बुधवार को भी प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करेंगे और इसके बाद शाम में पटना से अगले गंतव्य के लिए प्रस्थान करेंगे।

68 स्वयंसेवक ले रहे प्रशिक्षण

गौरतलब है कि यह प्रशिक्षण वर्ग 24 मई से शुरू हुआ है, जो 13 जून तक चलेगा। इसमें राज्य भर से 68 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। इस दौरान स्वयंसेवकों को शारीरिक, बौद्धिक और संगठनात्मक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


 

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