बिहार में लगातार चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान और बुलडोजर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने इस कार्रवाई पर कड़ा विरोध जताया है। बेगूसराय में उन परिवारों से मिलने के बाद, जिनके घर और दुकानें ढहा दी गईं, उन्होंने एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला।
“बिना नोटिस गरीबों का आशियाना उजाड़ दिया गया”
पीड़ित परिवारों की स्थिति देखकर पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में “चंगेज खान की सरकार” चल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिना नोटिस और बिना कोर्ट आदेश के गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं।
पप्पू यादव ने सवाल उठाया:
“क्या बिहार में गरीबों को रहने का अधिकार नहीं है? किसके आदेश पर गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं?”
उन्होंने बताया कि कई परिवार कर्ज लेकर अपने घर बनाए थे, जिन्हें पलभर में ढहा दिया गया। अब परिवार छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
“1500 से अधिक घरों पर बुलडोजर चला” — पप्पू यादव का दावा
सांसद ने दावा किया कि बिहार की एनडीए सरकार ने राज्यभर में लगभग 1500 घरों पर बुलडोजर चलवा दिया है।
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई मानवीय और कानूनी दोनों दृष्टि से अनुचित है।
सदन में उठाया मुद्दा, पुनर्वास की मांग
पप्पू यादव ने बताया कि वह मामले को सदन में उठा चुके हैं और सरकार के मंत्रियों से भी बातचीत की है।
उनकी मांग है कि:
- पहले प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए
- उसके बाद ही किसी प्रकार की तोड़फोड़ या सरकारी कार्रवाई हो
उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा,
“क्या यही अच्छे दिन हैं? चप्पल वाले को जमीन पर रहने नहीं दिया जा रहा, और हवाई जहाज पर चढ़ने भी नहीं दिया जा रहा है। लोग एक लाख रुपये का टिकट लेकर यात्रा करने को मजबूर हैं।”
“विश्व गुरु का सपना, लेकिन गरीबों की झोपड़ी तक उजाड़ दी”
सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विश्व गुरु बनने का दावा करने वाली सरकार गरीबों की झोपड़ियां तक उजाड़ रही है।
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार “तीन-चार लोगों के हाथों बंधक” बन चुकी है।
उन्होंने कहा,
“इतना बड़ा जुल्म तो जलियांवाला बाग में भी नहीं हुआ था, जितना आज बिहार के गरीबों पर हो रहा है।”



