पटना, 27 मई 2025 – बिहारवासियों के लिए इस बार गर्मी से राहत की खबर है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपने तय समय से करीब एक सप्ताह पहले ही बिहार में 4 जून को प्रवेश कर जाएगा। मॉनसून की एंट्री सीमांचल इलाके, खासकर पूर्णिया और आसपास के जिलों से होगी, जहां भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
अतिवृष्टि के संकेत, धान की खेती को मिलेगा फायदा
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा होने के आसार हैं। अगर पूर्वानुमान सटीक रहे, तो यह स्थिति धान के किसानों के लिए बेहद अनुकूल होगी। अधिक वर्षा से खेतों में पानी की कमी नहीं होगी, जिससे धान की रोपनी और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि अत्यधिक बारिश से बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है, खासकर उत्तर बिहार के उन जिलों में जो पहले से ही बाढ़-प्रभावित क्षेत्र माने जाते हैं।
प्री-मॉनसून बारिश ने पहले ही दी झलक
बिहार में मई के अंत से ही प्री-मॉनसून सीज़न की बारिश सक्रिय रही है। 1 जून तक सीमांचल समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। हालांकि, लगातार हुई बारिश से मक्का और मूंग की खेती प्रभावित हुई है, जिससे किसानों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
केरल में पहले ही पहुंच चुका है मॉनसून
गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस साल 24 मई को ही केरल में दस्तक दे दी, जबकि इसका सामान्य आगमन 1 जून को होता है। मॉनसून की यह समयपूर्व सक्रियता देश के अन्य हिस्सों, खासकर पूर्वी भारत में समय से पहले बारिश की ओर संकेत करती है।
सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट पर
अगर मौसम विभाग के अनुमान सही साबित हुए, तो इस साल बारिश का रिकॉर्ड पिछले वर्षों को पार कर सकता है। ऐसे में राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग को संभावित बाढ़ से निपटने के लिए अग्रिम तैयारियां करनी होंगी। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन से तालमेल बनाए रखने की सलाह दी गई है।