
नई दिल्ली | 30 जून 2025:देश के करोड़ों मोबाइल उपभोक्ताओं को जल्द ही एक और महंगा झटका लग सकता है। दूरसंचार कंपनियां आगामी जुलाई-अगस्त महीने में कॉल और डेटा दरों में 5 से 15 फीसदी तक की वृद्धि कर सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ोतरी नवंबर-दिसंबर से पहले ही लागू हो सकती है।
पिछले वर्ष भी बढ़ चुके हैं दाम
पिछले साल जुलाई 2024 में भी निजी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्रीपेड और पोस्टपेड प्लानों की दरों में 10 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। यदि इस वर्ष भी दरें बढ़ती हैं, तो यह पिछले छह वर्षों में एक और महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी।
ग्राहकों पर सीधा असर
- उपभोक्ताओं को मौजूदा रिचार्ज प्लानों के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
- प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों श्रेणियों में दरें बढ़ने की संभावना है।
- इससे कम आय वर्ग के मोबाइल उपभोक्ताओं को विशेष परेशानी हो सकती है।
TRAI की सख्ती का सीमित असर
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए सस्ते रिचार्ज प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इसके तहत जनवरी 2025 में कुछ कंपनियों ने ऐसे प्लान पेश किए, लेकिन इनमें इंटरनेट डेटा की सुविधा नहीं थी, जिससे ग्राहकों में असंतोष बना रहा।
क्यों जरूरी है टैरिफ वृद्धि?
विशेषज्ञों के अनुसार:
- 5G नेटवर्क के संचालन और रखरखाव की लागत बढ़ रही है।
- कंपनियों को अपने घाटे की भरपाई करनी है।
- दूरसंचार क्षेत्र में निवेश और विस्तार को बनाए रखने के लिए दरें बढ़ाना जरूरी समझा जा रहा है।