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भागलपुर, 24 जून।दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के उद्देश्य से लगाए गए शिविर में खुद उन्हें ही सबसे ज़्यादा असुविधा का सामना करना पड़ा। भागलपुर के सैंडिश कंपाउंड में आयोजित सहायता उपकरण वितरण शिविर में भारी अव्यवस्था देखने को मिली।

एडिप और राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत इस शिविर का आयोजन दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक लाभार्थियों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। प्रशासन ने लाभुकों को सुबह 9 बजे बुलाया, लेकिन मौके पर पहुंचे लोगों को यह कहकर घंटों बैठाए रखा गया कि किट दोपहर 4 बजे दी जाएगी।

भूखे-प्यासे इंतजार करते रहे दिव्यांग
शिविर में पहुंचे कई दिव्यांगों ने बताया कि वे सुबह से भूखे-प्यासे वहीं बैठे हैं। “न पीने का पानी है, न शौचालय की कोई व्यवस्था। बहुत तकलीफ हो रही है,” एक लाभुक ने कहा।

बांका और मुंगेर से भी पहुंचे लोग
शिविर में भागलपुर के अलावा बांका और मुंगेर जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। लेकिन इतने बड़े आयोजन के बावजूद सबसे बुनियादी सुविधाओं – जैसे पीने का पानी और शौचालय – तक की व्यवस्था नहीं थी।

एक बुजुर्ग लाभुक ने शिकायत की, “हम तो चल-फिर भी नहीं सकते। इतनी देर तक बैठा दिया गया है, कोई पूछने वाला नहीं है।”

अधिकारियों ने टाले सवाल
जब मीडिया प्रतिनिधियों ने इस बदइंतजामी पर अधिकारियों से सवाल करने की कोशिश की, तो वे कैमरे से बचते और जवाब देने से कतराते नजर आए।

जनसेवा या प्रशासनिक लापरवाही?
जनसेवा के नाम पर लगाए गए इस शिविर की जमीनी हकीकत अव्यवस्था, इंतजार और असंवेदनशीलता की कहानी कहती नजर आई।
सरकार की योजनाएं लाभुकों तक पहुंचे – यह जरूरी है, लेकिन यह उससे भी ज़्यादा जरूरी है कि ऐसे आयोजनों में सम्मानजनक और सुगम व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।