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पटना/मुजफ्फरपुर।मुजफ्फरपुर से रेफर कर पटना के पीएमसीएच लाई गई नाबालिग रेप पीड़िता की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। मृत बच्ची के परिजनों का कहना है कि करीब दो घंटे तक वे एंबुलेंस में बच्ची को लेकर बैठे रहे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसे समय पर भर्ती नहीं किया, जिससे उसकी जान चली गई।

घटना की जानकारी मिलते ही पिरबहोर थाना पुलिस पीएमसीएच पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, अस्पताल परिसर में परिजनों और स्थानीय लोगों ने हंगामा भी किया।

कांग्रेस नेता ने की कार्रवाई की मांग
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस नेता आदित्य पासवान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पीएमसीएच के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात कही। पीड़िता के चाचा वीरेंद्र पासवान ने दावा किया कि यदि बच्ची को समय रहते अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता, तो उसकी जान बच सकती थी।

PMCH प्रशासन ने क्या दी सफाई?
मामले को गंभीरता से लेते हुए पीएमसीएच प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट की। प्रभारी अधीक्षक डॉ. अभिजीत ने बताया कि उन्हें राजापाकर की विधायक प्रतिमा दास द्वारा मामले की जानकारी दी गई थी। इसके बाद जैसे ही बच्ची अस्पताल पहुंची, डॉक्टरों की टीम को अलर्ट किया गया।

बच्ची को सबसे पहले ईएनटी विभाग में जांचा गया, फिर गायनी आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां कई विभागों के डॉक्टरों ने मिलकर इलाज किया। डॉ. अभिजीत के अनुसार, रात भर इलाज चलता रहा और कोई लापरवाही नहीं बरती गई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं, बच्ची की मौत और उसके इलाज को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जिनका जवाब आने वाले दिनों में सामने आ सकता है।

राज्य स्तर पर गरमाई राजनीति
घटना के बाद सियासी गलियारों में भी हलचल मची है। विपक्ष ने सरकार और स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आने वाले समय में यह मामला राजनीतिक रूप से और तूल पकड़ सकता है।