
इंदौर। भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित सेठी नगर आंगनवाड़ी केंद्र का दौरा किया। आउटरीच और फील्ड निरीक्षण कार्यक्रम के तहत किए गए इस दौरे में उनके साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल, स्थानीय प्रशासन एवं आईसीडीएस के हितधारक भी मौजूद रहे।
इस दौरान श्रीमती ठाकुर ने आंगनवाड़ी केंद्रों में दी जा रही सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों का जमीनी स्तर पर आकलन किया तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, लाभार्थियों और समुदाय के सदस्यों से संवाद किया।
राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला और बाल विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र अब केवल पोषण केंद्र नहीं, बल्कि ‘पोषण 2.0’ ढांचे के अंतर्गत प्रारंभिक बचपन की देखभाल और विकास के आधुनिक केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।
नारी शक्ति के नेतृत्व में नए भारत की नींव
श्रीमती ठाकुर ने कहा, “पिछले एक दशक में नारी शक्ति के नेतृत्व में एक नए भारत की मजबूत नींव रखी गई है। सुरक्षित प्रसव से लेकर बालिकाओं की शिक्षा, वित्तीय सशक्तिकरण से लेकर कानूनी संरक्षण तक, हर स्तर पर अभूतपूर्व पहल की गई हैं।”
उन्होंने आंगनवाड़ी बुनियादी ढांचे के सशक्तिकरण, डिजिटल पोषण ट्रैकर की शुरुआत, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और सेवाओं की दक्षता में आए सुधार की भी सराहना की।
महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण की योजनाएं
कार्यक्रम के अवसर पर मंत्री ने सरकार की प्रमुख योजनाओं की जानकारी भी दी। इनमें पोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मिशन इंद्रधनुष, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्डलाइन 1098, ट्रिपल तलाक कानून, पॉक्सो अधिनियम, प्रधानमंत्री जनधन योजना, स्टैंड अप इंडिया और मुद्रा योजना प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाना और भारत को कुपोषण मुक्त बनाना है।
इस अवसर पर स्थानीय महिलाओं, बच्चों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी अपनी बात रखी और सरकार की योजनाओं से मिले लाभ साझा किए।
पृष्ठभूमि:
भारत सरकार द्वारा महिला और बाल विकास के क्षेत्र में बीते एक दशक में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और वित्तीय समावेशन को लेकर कई महत्वाकांक्षी पहल की गई हैं। इन योजनाओं का सीधा लाभ देश की करोड़ों महिलाओं और बच्चों को मिल रहा है।