भागलपुर | 22 जून 2025:रेड क्रॉस रोड स्थित स्नेह नवजात शिशु एवं बाल सेवा केंद्र में रविवार को एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें यह दर्शाया गया कि आग लगने की स्थिति में राहत और बचाव कार्य कैसे किया जाता है। यह मॉक ड्रिल अग्नि शमन विभाग और जीवन जागृति सोसायटी के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया।
धुआं उठते ही पहुंचा फायर ब्रिगेड
मॉक ड्रिल के दौरान जब इमारत की बालकनी से धुआं निकलता दिखा, तो लोगों ने तुरंत अग्नि शमन विभाग को सूचना दी। कुछ ही मिनटों में अनुमंडल अग्नि शमन पदाधिकारी श्री नागेंद्र उपाध्याय के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड की टीम रजिस्ट्री ऑफिस के सामने पहुंची। सायरन की आवाज और अग्निशमन गाड़ियों की मौजूदगी से मौके पर भारी भीड़ जुट गई।
रियलिस्टिक अंदाज़ में किया गया बचाव कार्य
इस अभ्यास में दिखाया गया कि आग लगने के दौरान जब लोग बालकनी में फंस जाते हैं, तो उन्हें कैसे सुरक्षित बाहर निकाला जाता है। अग्निशामकों ने सीढ़ियों और कंधों के सहारे लोगों को तीन मंज़िला इमारत से निकाला। कुछ लोग स्वयं सीढ़ियों के सहारे नीचे उतरे।
डॉ अजय सिंह ने बताया ‘सेफ्टी ग्रिल दरवाजे’ का महत्व
जीवन जागृति सोसायटी के अध्यक्ष और केंद्र के संचालक डॉ अजय कुमार सिंह ने इस मॉक ड्रिल की पहल की। उन्होंने बताया कि आमतौर पर लोग अपने घरों की बालकनी में ग्रिल तो लगवा लेते हैं, लेकिन उसमें दरवाजा नहीं छोड़ते, जिससे आपातकालीन स्थिति में लोग फंस जाते हैं।
उन्होंने कहा, “अगर आग सीढ़ियों की ओर से फैल जाए और बालकनी का ग्रिल पूरी तरह बंद हो, तो बचाव कार्य कठिन हो जाता है। मैंने अपने नर्सिंग होम में ग्रिल में एक सुरक्षित दरवाजा बनवाया है, जिससे बालकनी तक पहुंच आसान हो सके। इसी कारण यह मॉक ड्रिल संभव हो पाया।”
फायर ऑफिसर ने की सराहना
श्री नागेंद्र उपाध्याय ने बताया, “हमने बहुत कम जगहों पर ऐसा देखा है जहां ग्रिल में दरवाजे छोड़े गए हों। यह एक आदर्श मॉडल है, जिससे लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। हम पंपलेट के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब कोई ऐसा व्यावहारिक उदाहरण सामने आता है, तो उसका असर ज्यादा होता है।”
उन्होंने लोगों से अपील की कि घर बनाते समय सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दें — सीढ़ियां चौड़ी हों, आपात निकास का रास्ता न रोका जाए और ग्रिल में सुरक्षा दरवाजे जरूर रखें।
यह मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए एक चेतावनी और शिक्षा है। आगजनी जैसी आपदा बोलकर नहीं आती, लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और सही प्लानिंग कई ज़िंदगियां बचा सकती हैं।