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राजधानी पटना के मसौढ़ी के रहने वालेसीआरपीएफ जवान लाल पशुपतिनाथ जम्मू के पुलवामा में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए, जिनका पार्थिव शरीर रविवार को मसौढ़ी के सरवां गांव पहुंचा, जहां शहीद के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे, जहां भारत माता के जयकर के साथ पूरा इलाका गूंजत उठा।

शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांव

शहीद पशुपतिनाथ के बड़े भाई ने सरकार से मांग की है कि शहीद के सम्मान में मसौढ़ी के सरवां गांव में आदमकद प्रतिमा और तोरण द्वार बनाया जाए, ताकि इन शहीदों का सम्मान बरकरार रहे. वहीं शव यात्रा सरवां गांव से निकल कर गुमटी चौराहा तक गई. इस मौके पर सीआरपीएफ के सीईओ एवं बटालियन ने उन्हें तिरंगे में लपेटकर उन्हें सलामी दी. उसके बाद भारत माता के जय के नारे लगे।

2003 में सीआरपीएफ में मिली थी नौकरी शहीद सीआरपीएफ के जवान पशुपतिनाथ पांडे मसौढ़ी के सरवां गांव के निवासी थे, वर्ष 2003 में सीआरपीएफ में इन्हें नौकरी लगी थी पहली पोस्टिंग श्रीनगर में थी और फिलहाल पुलवामा जिले में ड्यूटी पर तैनात थे, जो शहीद हो गए हैं. हर किसी ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी”- बैजनाथ पांडे, शहीद के बड़े भाई

जम्मू में थे दो साल से पोस्टेड

पशुपति नाथ ऊर्फ पंकज पांडे 2 साल पहले ही सीआरपीएफ में ड्यूटी पर तैनात हुए थे, लेकिन अचानक शुक्रवार को ड्यूटी पर हृदय गति रुक जाने के कारण उनका निधन हो गया. इनका पार्थिव शरीर जम्मू कश्मीर से दानापुर रेजीमेंट पहुंचा. जहां शहीद को सलामी दी गई. उसके बाद आज सुबह उनका पार्थिव शरीर मसौढ़ी पहुंचा।

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