महाराष्ट्र वसूली कांड: अनिल देशमुख की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोप गंभीर, जांच हो

Breaking News:
राज्य सरकार ने बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का किया तबादला
बिहार में कोरोना की दूसरी लहर ने हड़कंप, DAV स्कूल के शिक्षक की मौत
जहां ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था होनी चाहिए वहां तैयार हो रही है अर्थी, पढ़िए क्या है पूरा मामला
मुख्यमंत्री ने आर०पी०एस० मोड़ दानापुर पे पास लगी आग में 2 लोगों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की
Bihar,India
Monday, Apr 19, 2021
महाराष्ट्र सरकार और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की ओर से दाखिल याचिका को गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। यह याचिका बॉम्बे उच्च न्यायालय के पांच अप्रैल को दिए गए उस फैसले के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें अदालत ने देशमुख के खिलाफ प्राथमिक जांच का आदेश जारी किया था। अदालत ने यह आदेश मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिया था।
मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एसके कौल ने कहा कि अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं, गृह मंत्री और पुलिस कमिश्नर इसमें शामिल हैं। ये दोनों करीबी से साथ काम करते रहे जब तक दोनों की राह अलग नहीं हो गई और दोनों के पास प्रतिष्ठित पद था। उन्होंने सवाल किया कि क्या सीबीआई को इसकी जांच नहीं करनी चाहिए? उन्होंने कहा कि आरोपों की प्रवृत्ति और इसमें शामिल लोगों की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
Supreme Court dismisses the pleas filed by Maharashtra govt and its former home minister Anil Deshmukh challenging Bombay High Court order directing a CBI probe into allegations of corruption levelled against him by former Mumbai police commissioner Param Bir Singh. pic.twitter.com/m0mliAHnFA
— ANI (@ANI) April 8, 2021
न्यायाधीश कौल ने इस दौरान कहा, ‘वह व्यक्ति आपका (अनिल देशमुख का) दुश्मन नहीं था, जिसने आपके ऊपर आरोप लगाए। बल्कि, यह काम उस व्यक्ति ने किया जो लगभग आपका दायां हाथ (परमबीर सिंह) था।’ न्यायाधीश एसके कौल ने कहा, ‘दोनों के खिलाफ जांच की जानी चाहिए।’ वहीं, अनिल देशमुख की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि बिना अनिल देशमुख का पक्ष सुने कोई प्राथमिक जांच नहीं की जा सकती है।
वहीं, अनिल देशमुख ने अदालत से कहा कि मुझ पर बिना किसी आधार के मौखिक आरोप लगाए गए और मेरी बात सुने बिना ही बिना उच्च न्यायालय की ओर से सीबीआई जांच के आदेश दिए गए। इस पर अदालत ने कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं, इसकी सीबीआई जांच क्यों नहीं होनी चाहिए। बता दें कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने पांच अप्रैल को आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था, जिसके बाद देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इन याचिकाओं के जरिए बॉम्बे उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था। इन दोनों याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने की। उधर, सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए मंगलवार को उनके खिलाफ एक प्राथमिक जांच दर्ज की थी।