“विकसित कृषि संकल्प अभियान” का शुभारंभ, किसानों को मिलेगी तकनीकी जानकारी और नई योजनाओं से जुड़ने का अवसर

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पटना, 29 मई 2025 —बिहार सरकार ने आज किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में एक नया कदम उठाया। माननीय उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने पटना स्थित कृषि भवन में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का राज्यस्तरीय शुभारंभ किया।

इस अवसर पर कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने उद्घाटन संबोधन में उपमुख्यमंत्री ने इस अभियान को किसानों की आत्मनिर्भरता और गाँवों की समृद्धि की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।


गाँव के अंतिम किसान तक पहुंचेगा संदेश

श्री सिन्हा ने कहा:

“यह अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि ‘विकसित भारत’ के निर्माण की नींव है। अब किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माता भी हैं।”

अभियान का उद्देश्य गाँव के अंतिम पंक्ति तक के किसानों से सीधा संवाद स्थापित करना है।
29 मई से 12 जून 2025 तक चलने वाले इस अभियान में किसानों को निम्न जानकारियाँ दी जाएँगी:

  • नई कृषि तकनीकें
  • सरकारी योजनाएं और अनुदान
  • किसानों के सुझावों और नवाचारों का दस्तावेजीकरण

छह सूत्री रणनीति से होगा किसानों का सशक्तिकरण

राज्य सरकार ने इस अभियान के माध्यम से एक छह सूत्रीय रणनीति तैयार की है:

  1. कृषि उत्पादन में वृद्धि
  2. उत्पादन लागत में कमी
  3. फसलों का लाभकारी मूल्य
  4. प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा
  5. फसल विविधीकरण और मूल्य संवर्धन
  6. प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा

इस रणनीति के ज़रिए किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जाएगा।


“लैब टू लैंड” के विजन को मिलेगा धरातल पर रूप

कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस अभियान को “लैब टू लैंड” के विजन के अनुरूप तैयार किया गया है।
इसका लक्ष्य है:

  • किसानों की स्थानीय समस्याओं को सुनना
  • कीट संक्रमण, मिट्टी की गुणवत्ता, जल उपलब्धता जैसी समस्याओं की पहचान
  • वैज्ञानिक समाधान तक सीधी पहुँच बनाना

उन्होंने इसे एक दो-तरफ़ा संवाद बताया, जिसमें कृषि विज्ञान और किसानों के अनुभव एक साथ आगे बढ़ेंगे।


4662 गाँवों तक पहुंचेगी जानकारी, बनी 104 टीमें

अटारी, पटना के अंतर्गत 44 कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से 104 टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें 4662 गाँवों तक जाकर किसानों को प्रशिक्षण देंगी और स्थानीय जरूरतों के अनुसार सलाह देंगी, जैसे:

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुरूप फसल चयन
  • उन्नत बीज और आदर्श बुवाई तकनीक
  • संतुलित उर्वरक उपयोग की जानकारी

पटना जिले के किसानों ने दिखाई गहरी रुचि

कार्यक्रम में पटना जिले के लगभग 150 किसानों ने भाग लिया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), अटारी, पटना, और कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़ के वैज्ञानिकों द्वारा एक तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को:

  • केंद्र व राज्य की योजनाओं
  • आधुनिक तकनीकों
  • और वैज्ञानिक खेती के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई।

किसानों ने इस कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला बताया।

“विकसित कृषि संकल्प अभियान” न केवल किसानों तक योजनाओं और तकनीकों को पहुँचाने का एक प्रभावी माध्यम है, बल्कि यह कृषि को विज्ञान और नवाचार से जोड़कर आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने का एक सार्थक प्रयास है।

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