पटना, 29 मई 2025 —बिहार में कृषि को वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण से समृद्ध बनाने के उद्देश्य से “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का शुभारंभ किया गया। पटना के मीठापुर स्थित कृषि भवन में आयोजित इस शुभारंभ कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस अभियान की औपचारिक शुरुआत की।
🌾 किसानों और वैज्ञानिकों के बीच सीधा संवाद
इस अभियान की विशेषता यह है कि कृषि वैज्ञानिक अब सीधे किसानों से संवाद करेंगे और उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीज, संतुलित उर्वरक उपयोग और प्राकृतिक खेती की विधियों की जानकारी देंगे। अभियान का उद्देश्य कृषि आय को बढ़ाना, खरीफ फसल उत्पादन में सुधार और ‘लैब टू लैंड’ के विजन को धरातल पर उतारना है।
“यह अभियान सिर्फ खेतों में हरियाली नहीं, बल्कि किसानों की खुशहाली का संकल्प है। तकनीक और नवाचार के जरिए हम किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास में हैं।”
— विजय कुमार सिन्हा, उपमुख्यमंत्री, बिहार
🧪 देशज ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मेल
29 मई से 12 जून 2025 तक चलने वाले इस अभियान को केंद्र सरकार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), और बिहार कृषि विभाग संयुक्त रूप से संचालित कर रहे हैं। इसमें किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और अनुदानों की भी जानकारी दी जा रही है।
👩🌾 राज्यभर में फैलीं 104 वैज्ञानिक टीमें
इस अभियान के तहत भारतीय कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पटना के अधीन आने वाले 44 कृषि विज्ञान केंद्रों की 104 टीमें राज्य के 4,662 गांवों में किसानों से सीधे संपर्क करेंगी।
ये टीमें:
- स्थानीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खेती के सुझाव देंगी
- वर्षा पैटर्न, जल उपलब्धता और फसल चक्र का आकलन करेंगी
- बीज चयन, बुवाई विधि, कीट नियंत्रण और उर्वरक उपयोग पर परामर्श देंगी
💬 द्विपक्षीय संवाद से मिलेगा स्थायी समाधान
कार्यक्रम में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह अभियान एकतरफा जानकारी देने की बजाय द्विपक्षीय संवाद पर आधारित है। किसान अपनी समस्याएं, स्थानीय कीट रोग और अन्य चुनौतियां साझा करेंगे, जिससे भविष्य की अनुसंधान योजनाएं अधिक प्रभावी बनेंगी।
“विज्ञान और खेती को जोड़ने की यह पहल किसानों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।”
— संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, कृषि विभाग
📍 शुभारंभ कार्यक्रम में किसानों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम के दौरान पटना जिले के 150 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस मौके पर अटारी, पटना, आईसीएआर-पूर्वी अनुसंधान परिसर, और कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़ के विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें प्राकृतिक खेती, उन्नत फसल चक्र और मृदा स्वास्थ्य पर चर्चा की गई।
✅ अभियान के मुख्य बिंदु संक्षेप में
- 📅 अवधि: 29 मई – 12 जून 2025
- 🌾 कृषि विज्ञान केंद्र: 44
- 👨🔬 वैज्ञानिक टीमें: 104
- 🏡 लक्षित गांव: 4,662
- 🎯 उद्देश्य: नई कृषि तकनीक, सरकारी योजनाएं और अनुदान की जानकारी देना
यह अभियान बिहार की कृषि व्यवस्था को आधुनिकता से जोड़ने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।